पराशर व रिवालसर झील के वजूद की पहाड़ियों पर दरारें, धंसने का खतरा…प्रशासन ने जारी किया अलर्ट

जनपद के दो प्रसिद्ध धार्मिक स्थलों की पहाड़ियों पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ने से इनके धंसने का खतरा बढ़ गया है। यह दो पहाड़ियां हैं पराशर और रिवालसर के पास सरकीधार।

बीते दिनों हुई भारी बारिश के कारण इन पहाड़ियों की मिट्टी भी काफी ज्यादा ढीली हो गई है। इसके ढीला होने से अब यह खिसकने लग गई है, जिस कारण पहाड़ी पर बड़ी-बड़ी दरारें पड़ गई हैं। पराशर के लिए जाने वाली सड़क की हालत तो यह हो गई है कि उस पर भी यह दरारें साफ दिखाई दे रही हैं। सड़क पर वाहन चलाना खतरनाक हो गया है।

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एडीएम मंडी डॉ. मदन कुमार ने बताया कि पराशर और सरकीधार में पहाड़ियों पर जो दरारें आई हैं, उसके लिए वन विभाग को इस पर विस्तृत रिपोर्ट बनाने को कहा गया है। विभाग की रिपोर्ट आने के बाद इस दिशा में प्रभावी पग उठाए जाएंगे। अभी इसके आस-पास रहने वालों को अलर्ट कर दिया गया है और उन्हें सतर्क रहने को कहा गया है।

बता दें कि पराशर के पास पहले से ही काफी ज्यादा मात्रा में भूस्खलन हो रहा है और यह भूस्खलन यहां पर बार-बार बादलों के आपस में टकराने और उस कारण होने वाली भारी बारिश के कारण हो रहा है। वैज्ञानिकों ने भी इस बात को लेकर अलर्ट जारी किया है कि यहां पर भूस्खलन को रोक पाना संभव नहीं। क्योंकि यहां मौसम की परिस्थिति ही कुछ ऐसी है।

वहीं, दूसरी तरफ सरकीधार में भी अब खतरे की घंटी बजने लग गई है। यह दोनों ही स्थान धार्मिक दृष्टि से अति महत्वपूर्ण हैं। पराशर में जहां ऋषि पराशर की तपोस्थली और प्राचीन झील है। वहीं सरकीधार में पांडवों के निशान आज भी मौजूद हैं और यहां पर भी अर्जुन द्वारा तीर मारकर निकाली गई झील आज भी मौजूद है। इसलिए इन दोनों स्थानों के साथ लाखों लोगों की आस्था जुड़ी हुई है।