प्रदेश के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थानों में तैनात कोरोना स्टाफ को एक्सटेंशन मिल गई है। कोविड स्टाफ के सेवा विस्तार पर स्वास्थय सचिव की ओर से 25 अगस्त को अधिसूचना जारी की गई है जिसमें इनकी सेवाओं को 30 सितम्बर 2023 तक बढ़ाया गया है। लेकिन इस बार कोविड स्टाफ के कर्मचारी सेवा विस्तार मिलने से और परेशान नजर आ रहे है। इसका कारण यह है कि एक्सटेंशन के साथ ही रिलीविंग ऑर्डर भी इनके लिए जारी हुआ है कि वह अपनी सेवाएं 30 सितंबर तक ही दे पाएंगे।
आईजीएमसी कोविड-19 स्टाफ की ओर से रिलीविंग ऑर्डर पर नाराजगी जताई जा रही है। एसोसिएशन की प्रेसिडेंट अनीता शर्मा ने कहा कि यह रिलीविंग ऑर्डर सरकार को वापस लेने होंगे। उम्र के इस पड़ाव में पहुंचकर यह नौकरी नहीं त्याग सकते। इनके लिए घर परिवार चलाना मुश्किल हो जाएगा। कोरोना जब चरम सीमा पर था तो दिन-रात इन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना सेवाएं दी है। कांग्रेस ने सत्ता में आने से पहले इन्हें रेगुलर पॉलिसी बनाने का वायदा किया था लेकिन अब कोविड-19 स्टाफ को रिलीविंग ऑर्डर थमाए जा रहे हैं जिसका यह विरोध किया जाएगा।
अगले कल सचिवालय में 1800 के करीब कोविड-19 स्टाफ में लगे आउटसोर्स कर्मचारी सचिवालय का घेराव करेंगे। यदि उसके बाद भी सरकार इस फैसले को वापस नहीं लेती है तो बड़ा आंदोलन भी इनकी ओर से किया जाएगा। लेकिन यह अपनी नौकरी त्यागने के लिए तैयार नहीं है। स्वास्थ्य सचिव की ओर से एक्सटेंशन पर यह अधिसूचना 25 अगस्त को जारी की गई थी। सेवा विस्तार देने पर एसोसिएशन ने सरकार का धन्यवाद किया है, लेकिन साथ ही रिलीविंग ऑर्डर जारी होने पर नाराजगी भी जताई है। अपनी नाराजगी व्यक्त करने के लिए कोविड-19 स्टाफ सचिवालय का घेराव करेगा।