हिमाचल में पहाड़ी गाय का सरंक्षण व् नस्ल सुधर जल्द ,नाम दिया गौरी

सिरमौर जिले के बागथन में इस प्रोजेक्ट पर किया जा रहा है काम
पशुपालन विभाग सिरमौर को जारी हुआ बजट। डी पी आर लगभग तैयार : सहायक निदेशक
इंट्रो : प्रदेश में जल्द ही पहाड़ी गाय के सरंक्षण के साथ साथ नस्ल सुधार किया जायेगा व् विशुद्ध पहाड़ी गाय प्रस्तुत की जाएगी। इस कार्य के लिए पशुपालन विभाग सिरमौर ने हिमाचल निर्माता डॉ वाई एस परमार की जन्मस्थली का चयन किया है जहां पर पशु पालन विभाग इस प्रोजेक्ट गौरी पर कार्य करेगा। इस प्रोजेक्ट का मुख्य उदेशीय पहाड़ी नस्ल की गाय का मूल सरंक्षण करना है। इस पर लगभग 4 करोड़ 64 लाख का खर्च किया जायेगा और इस प्रोजेक्ट की डी पी आर लगभग तैयार हो चुकी है। उल्लेखनीय हैकि पहाड़ी नस्ल की गाय अपने बेहतरीन गुणों के लिए जानी जाती है इसके दूध में न केवल औषधीय गुण होते हैं बल्कि इसका गौमूत्र ,गोबर भी खेती के लिए उतम माना जाता है।
बाइट : सहायक निदेशक पशु पालन सिरमौर डॉ संदीप शर्मा ने बतायाकि पहाड़ी गाय के सरंक्षण व् नस्ल सुधर के लिए यह प्रोजेक्ट जल्द तैयार होगा इसकी डी पी आर फाइनल स्टेज पर है इसके लिए बजट आ चूका है और जल्द ही पहाड़ी गाय गौरी पर कार्य शुरू किया जायेगा। इस प्रोजेक्ट में पहाड़ी गाय की नस्ल सुधार होगा और एक नई पहाड़ी गाय गौरी प्रस्तुत की जाएगी।
गौर होकि पहाड़ी गाय प्रदेश की भौगोलिक स्तिथियों के अनुरूप अच्छी साबित होगी और इससे पशु पालकों के साथ साथ किसान भी लाभान्वित होंगे।