संजोली स्थित मस्जिद विवाद थमता नही आ रहा है।रविवार को संजोली मस्जिद के के बाहर युवक के साथ मारपीट के बाद गुस्साए लोगों ने मस्जिद का किया घेराव किया था और जमकर नारेबाजी की थी स्थानीय लोगों ने संजोली स्थित मस्जिद के अवैध होने के आरोप लगाए थे ।स्थिति को संभालने DC व SP को मौके पर पहुंचना पड़ा था।आज विधायक हरीश जनारथा ने इस विवाद पर अपने पार्षदों सहित अन्य को नसीहत दे डाली की इस मूददे पर राजनीति न करें और शिमला शहर की शांति को भंग न करें।
विधायक हरीश जनारथा ने सोमवार को मीडिया से रूबरू होते हुए कहा कि यह विवाद दो गुट्टों के आपसी झगड़े के कारण पैदा हुआ है।यह झगड़ा मल्याणा क्षेत्र में हुआ है।इस मूददे को बढ़ाया जा रहा है।यह मल्याणा में झगड़ा हुआ है वहां के पार्षद सहित सिमिट्री व भट्टकुफर के पार्षद ने मिलकर इस झगड़े को संजोली में पहुंचा दिया।पुलिस को इस झगड़े में FIR दर्ज करने के पहले निर्देश दे दिए थे।इस मामले को हिन्दू व मुस्लिम समुदाय का रूप दिया गया वह बिल्कुल गलत है।शिमला एक शांतिप्रिय जगह है और इसकी शांति भंग न करें।उन्होंने कहा जो अवैध मस्जिद की बात कर रहे हैं तो यह मस्जिद 1950 से पहले की है।यहां जो अवैध निर्माण हुआ है उसका मामला चल रहा है और उसकी सुनवाई शनिवार को है।वक्फ बोर्ड इस केस केस को लड़ रहा है।यह मामला 2009 से यह मामला चल रहा है।इसके बाद कितनी सरकारें आयी।इस मामले में किसी धर्म समुदाय पर बोलना उचित नही।उन्होंने कहा कि कल जो विवाद हुआ उसमे अधिकतर लोग भट्टाकुफ़्फ़र व मल्याणा क्षेत्र के थे और कुछ कांग्रेस के पार्षद भी थे।यह विवाद शिमला विधानसभा क्षेत्र में क्यों किया जा रहा है।पार्षदों के बोलने से किसी को वैध या अवैध नही बोला जा सकता।यह मामला कोर्ट में है और इस पर निर्णय भी वही देगा।किसी के बोलने से बोलने से किसी की दुकानें बंद भी नही की जा सकती।पुलिस को इस बाबत बोल दिया गया।सभी का पंजीकरण बोला है।जो पंजिकृत नही उस पर पुलिस कार्यवाही करेगी।उन्होंने निशाना साधते हुए कहा कि हम सक्षम है अपने क्षेत्र को संभालने के लिए आप अपना क्षेत्र देखें जहां से आप को चुना है।इस मामले में कांग्रेस के पार्षद भी हैं और जो लोग वहां थे वह एक राजनीतिक दल से संबंध रखते हैं।आज मुख्यमंत्री ने भी इस मामले में संज्ञान लिया है।