मंडी जिला के श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक में जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स की अनिश्चितकालीन हड़ताल ने प्रदेश सरकार की बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं के दावों की पोल खोल कर रख दी है। सरकार बीते तीन महीने से पोस्ट डॉक्टरल कर रहे जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स को स्टाइपेंड जारी नहीं कर पाई है। सरकार की इस बेरूखी के चलते इन जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स को अब खाने तक के लाले पड़ गए हैं। हड़ताल पर गए रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना है कि बैंक से कर्ज लेकर एमबीबीएस की पढ़ाई की थी और कई डाक्टरों का अभी लोन पूरा नहीं हुआ है। डाक्टरी की पढ़ाई करने के बावजूद भी परिवार से पैसे मांगना सही नहीं है। माता-पिता ने कर्जा लेकर पढ़ाई करवाई है अगर इसके बाद भी अपने खर्चे के लिए उनके मुंह की ओर ताकना पड़े तो काम करने का क्या लाभ है। जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स का कहना है कि प्रदेश में इस सत्र से 63 पोस्ट डॉक्टरल डिग्री डीएनबी यानी डिप्लोमेट ऑफ नेशनल बोर्ड को भी स्टाइपेंड की कमी के कारण बंद कर दिया है।
बता दें कि हिमाचल प्रदेश में पोस्ट डॉक्टरल डिग्री के दौरान जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स को 3 साल में पहले वर्ष 40, दूसरी में 45 और तीसरे वर्ष में 50 हजार रुपए प्रतिमाह स्टाइपेंड जारी किया जाता है। लेकिन मामले में प्रदेश सरकार ने बीते तीन महीने से मंडी जिला के श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक के जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स को स्टाइपेंड जारी नहीं किया है। हैरानी की बात यह है कि प्रदेश के अन्य मेडिकल कॉलेज में पोस्ट ग्रेजुएट कर रहे जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स को नियमित तौर पर स्टाइपेंड मिल रहा है। केवल मात्र मेडिकल कॉलेज नेरचौक के रेजिडेंट डाक्टरों को ही परेशानी झेलनी पड़ रही है।
जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स ने सरकार से मांग की है कि जल्द उनके स्टाइपेंड की राशि जारी की जाए। जब तक इस समस्या हल नहीं हो जाती तब तक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर्स अपनी हड़ताल जारी रखेंगे। उन्होंने कॉलेज प्रशासन को भी आगाह करते हुए कहा है कि इस हड़ताल से पूर्व रेजिडेंट डॉक्टर्स ने काले बिल्ले लगाकर अपनी मांग रखी थी। लेकिन समस्या का कोई समाधान नहीं हुआ है। इस कारण मजबूरन उन्हें हड़ताल पर जाना पड़ा है। रेजिडेंट डॉक्टर्स द्वारा आपातकालीन सेवाएं चलाई जा रही है और अन्य नियमित कार्यों का रेजिडेंट डॉक्टर्स ने बहिष्कार किया है।
मामले पर श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक के कार्यकारी प्रिंसिपल डॉ. राजेश भवानी ने कहा कि जूनियर रेसिडेंट चिकित्सक पिछले कुछ समय से स्टाइपेंड न मिलने से हड़ताल कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इस उच्च अधिकारियों के साथ पत्राचार हो रहा है और मामले में डायरेक्टर मेडिकल एजुकेशन से बात की गई है। इसको लेकर प्रदेश सरकार में सेक्रेटरी और वित्त विभाग से बात कर निर्देश जारी कर दिए हैं। डॉ राजेश ने कहा कि आगामी एक या दो दिन