नेशनल एक्रीडेशन बोर्ड फॉर कैलिब्रेशन लेबोरेटरीज (एनएबीएल) की तरफ से मान्यता प्राप्त और एमओएफपीआई की तरफ से स्पॉन्सर्ड एक कमर्शीयल फूड टेस्टिंग लैब, शूलिनी लाइफसाइंसेज प्राइवेट लिमिटेड का बुधवार को यूनिवर्सिटी कैंपस में उद्घाटन किया गया।
शूलिनी यूनिवर्सिटी के चांसलर प्रो. पी.के. खोसला और प्रो-चांसलर विशाल आनंद की तरफ से अत्याधुनिक माइक्रोबायोलॉजी प्रयोगशाला अनुभाग के उद्घाटन के साथ नई प्रयोगशाला ने हिमाचल प्रदेश राज्य के लिए एक ऐतिहासिक क्षण को चिह्नित किया है।
उद्घाटन समारोह में कार्यकारी निदेशक, शूलिनी लाइफसाइंसेज के सीओओ, डीन आरएंडडी, अकादमिक डीन, निदेशक और यूनिवर्सिटी के अन्य फैकल्टी मेंबर्स और कर्मचारी मौजूद रहे ।
इस मौके पर चांसलर ने कहा कि यह लैब क्षेत्र में अपनी तरह की पहली लैब है। बहुत जल्द यह प्रयोगशाला एनएबीएल के तहत मान्यता प्राप्त हो जाएगी और उद्योगों को एनएबीएल प्रमाणीकरण के तहत माइक्रोबियल संदूषण के लिए अपने उत्पादों का परीक्षण करने के लिए वाणिज्यिक सेवाएं प्रदान करेगी। प्रयोगशाला सूक्ष्मजैविक परीक्षण के क्षेत्र में वैश्विक मानकों को पूरा करने के लिए उच्च स्तरीय अनुसंधान की पेशकश करके यूनिवर्सिटी और आसपास के अन्य संस्थानों के शोधकर्ताओं का भी समर्थन करेगी।
प्रयोगशाला को शुरुआत में भारत सरकार के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय और शूलिनी यूनिवर्सिटी के फाउंडेशन की अनुदान सहायता के साथ संयुक्त रूप से लगभग 5.0 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ स्थापित किया गया था।
उन्नत उपकरणों और अत्याधुनिक तकनीक के साथ, नव स्थापित प्रयोगशाला सुविधा का मकसद अकादमिक और औद्योगिक दोनों जरूरतों को पूरा करते हुए माइक्रोबियल विज्ञान में अग्रणी अनुसंधान को बढ़ावा देना है।
अपने संबोधन में, प्रो-चांसलर, विशाल आनंद ने हिमाचल प्रदेश में उच्च स्तरीय परीक्षण के माध्यम से जीवन विज्ञान के भविष्य को आकार देने में प्रयोगशाला की महत्वपूर्ण भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने आगे बताया कि यह सुविधा न सिर्फ शूलिनी लाइफसाइंसेज के लिए एक मील का पत्थर है, बल्कि हमारे पूरे राज्य के लिए प्रगति का एक प्रतीक है।