एनसीसी सोलन की पूर्व कैडेट (Former NCC Cadet) कर्नल सपना राणा ने हिमाचल (Himachal Pradesh) की पहली महिला कमांडिंग ऑफिसर (Commanding Officer) बनने का गौरव हासिल किया है। वो उत्तर पूर्व में सेना सेवा कोर (एएससी) बटालियन के कमांडर के रूप में वर्तमान भूमिका में उल्लेखनीय कार्य कर रही हैं। राज्य से इस पद तक पहुंचने वाली पहली महिला है।
शिक्षक राजेंद्र ठाकुर व गृहणी कृष्णा ठाकुर के घर जन्मी कर्नल सपना राणा ने स्कूली शिक्षा और स्नातक की पढ़ाई सोलन में पूरी की। सैन्य उत्कृष्टता (military excellence) की तरफ सफर कॉलेज (College) के दिनों के दौरान उस समय शुरू हो गया था, जब वो सोलन (Solan) में 1 एचपी गर्ल्स एनसीसी बटालियन में सीनियर अंडर ऑफिसर तक पहुंची थी। एक कैडेट के रूप में वह समर्पित और अनुशासित कैडेट थी। विशेष रूप से वह हिमाचल से एकमात्र एनसीसी कैडेट थी, जिसे कारगिल विजय शिविर के लिए चुना गया।
दून विधानसभा की ग्राम पंचायत बढलग के गांव भवानीपुर मेहलोग की रहने वाली कर्नल राणा (Colonel Sapna Rana) ने सेवा चयन बोर्ड में उत्तीर्ण होने के बाद 2003 में चेन्नई (Chennai) में अधिकारी प्रशिक्षण अकादमी (OTA) में शामिल हुई थी। 2004 में भारतीय सेना (Indian Army) में लेफ्टिनेंट के रूप में कमीशन अर्जित किया। प्रशिक्षण के दौरान उन्होंने उत्कृष्ट एथलेटिकिज्म का प्रदर्शन किया, क्रॉस कंट्री, बाधा प्रशिक्षण में स्वर्ण पदक जीते।
कर्नल सपना राणा का कौशल सैन्य क्षेत्र में ही नहीं बल्कि खेल के मैदान (Sports Ground) में भी है। एक खिलाड़ी (Player) के रूप में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया और सेना शूटिंग टीम में पिस्टल और ट्रैप शूटिंग में राष्ट्रीय पहचान हासिल की। वर्तमान में वह एक कुशल माइक्रोलाइट पायलट (microlight pilot) और एक शानदार मैराथन धावक हैं।
फर्स्ट एचपी गर्ल्स बटालियन (एनसीसी सोलन) की पूर्व कैडेट के रूप में कर्नल राणा ने पहली महिला कमांडिंग ऑफिसर बनने की उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल कर संस्थान को गौरवान्वित किया है। सेना में उनके समर्पण और उत्कृष्ट प्रदर्शन ने उन्हें तीन बार प्रतिष्ठित सीओएएस (COAS) और जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ प्रशस्ति कार्ड भी मिले। ये उपलब्धियां न केवल उनकी व्यक्तिगत उत्कृष्टता को दर्शाती हैं, बल्कि उनके परिवार और पूरे हिमाचल का नाम भी रोशन करती हैं।