जो लोग कहते हैं कि खेती-किसानी में कुछ नहीं रखा है. उन्हें यूपी के लखनऊ में रहने वाले अचल से मिलना चाहिए. अचल वो नए किसान हैं, जिन्होंने जैविक खेती के लिए अपनी सरकारी नौकरी तक छोड़ दी. एक वक्त में अचल केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (CISF) का हिस्सा हुआ करते थे. मगर, कहते हैं खेती के प्रति प्यार के चलते 2013 में उन्होंने अपनी नौकरी से रिटायरमेंट ले ली थी.
अचल अब अपनी पत्नी वंदिता के साथ मिलकर पूरी तरह से जैविक खेती में जुटे हुए हैं. नौकरी छोड़ने के बाद अचल ने तय किया था कि वो अपने खेतों को रासायनिक उर्वरकों से बचाएंगे. अपने इस सपने को सच साबित करने के लिए वो खुद खेतों पर उतरे और मोहनलालगंज के कूढ़ा में करीब आठ बीघे में केले व फूलों की खेती शुरू कर दी. धीरे-धीरे उन्होंने हरी सब्जियां भी उगानी शुरू कर दीं.
खास बात यह कि अचल दूसरों को भी जैविक खेती के लिए प्रेरित करते हैं. वो नियमित रूप से किसानों के लिए पाठशाला लगाते हैं. वो किसानो को बताते हैं कि किस तरह से जैविक खेती उनकी जिंदगी बदल सकती है. अचल खुद सालाना लाखों रुपए की कमाई कर रहे हैं. नए तरीके की खेती को लेकर अचल अलग-अलग मंचों पर सम्मानित भी किए जा चुके हैं. इलाके भर में उनका नाम बड़े सम्मान से लिया जाता है.