शहर में ओवरलोड निजी वैन में स्कूल पहुंचाए जा रहे बच्चे

 

तमाम नियमों की धज्जियां उड़ा कर भेड़ बकरियों की प्राइवेट गाड़ियों में घर से स्कूल पहुंच रहे बच्चे

बाइट_ सुरेंद्र ठाकुर
आरटीओ सोलन ।

शिमला के दर्दनाक हादसे से सोलन शहर ने सबक नहीं सीखा है। यहां बच्चों को ले जाने वाले वाहन धड़ल्ले से नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। चालक खटारा हो चुकी पुरानी वैन में बच्चों को ठूंस-ठूंस कर स्कूल पहुंचा रहे हैं।

तमाम नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और कार्रवाई से बचने के लिए इन वैन को निजी बताया जा रहा है। निजी गाड़ियों में बच्चों को स्कूल छोड़ने पर आरटीओ स्टाफ कोई बड़ी कार्रवाई नहीं कर पा रहा है। इससे पूर्व में काफी समय तक टैक्सी के तौर पर चल चुकी वैन अब शहर में निजी तौर पर स्कूल के बच्चों को ढो रही हैं।

गौरतलब है कि क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय के माध्यम से समय-समय पर दिशा-निर्देश जारी होते रहे हैं। बच्चों को लाने और ले जाने वाली वैन के लिए सर्वोच्च न्यायालय ने भी नियम तय कर रखे हैं। स्कूल बस या वैन की अधिकतम गति 40 किलोमीटर प्रति घंटा, सीसीटीवी, व्हील ट्रेकिंग सिस्टम, खिड़कियों में ग्रिल, चालक और परिचालक वर्दी में होने चाहिए। साथ ही वाहन के दोनों तरफ स्कूल बस लिखा होना जरूरी है। इसके साथ ही चालक को कम से कम पांच साल का अनुभव होना जरूरी है । वाहन की हालत दुरुस्त होनी चाहिए। ऐसे कई नियम सख्ती के साथ लागू करवाने के लिए आरटीओ व पुलिस महकमे को शक्तियां दी गई हैं। लेकिन नियमों से बचने के तोड़ चालकों ने ढूंढ निकाले हैं और अभिभावक भी बच्चों की परवाह किए बगैर उन्हें निजी वैन में स्कूल भेज रहे हैं।

जब इस बारे में आरटीओ विभाग से बात की तो आरटीओ सोलन सुरेंद्र ठाकुर का कहना है कि वाहनों की नियमित जांच होगी। जो वाहन नियम पूरा नहीं करेंगे उन्हें जब्त कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा कि निजी वैन की भी विभाग जांच करेगा। यदि निजी वैन में निर्धारित चार से अधिक बच्चे बैठाए गए तो उनका भी चालान किया जाएगा। उन्होंने अभिभावकों से भी आह्वान किया है कि वे बच्चों को ऐसी वैन में स्कूल न भेजें जो ओवरलोड हो।