सस्ती छत… मगर जहरीला पानी! नगर निगम के फ्लैटों में रह रहे गरीब लोग बेसहारा

टंकियों में सड़ रहा है पानीसोलन नगर निगम द्वारा गरीब और जरूरतमंद परिवारों को राहत पहुंचाने के उद्देश्य से बनाए गए सस्ते फ्लैट अब लोगों के लिए जी का जंजाल बनते जा रहे हैं। बीते 4 से 5 वर्षों से इन फ्लैटों में रह रहे दर्जनों परिवार अब अपनी बुनियादी ज़रूरतों के लिए भी तरस रहे हैं। सबसे बड़ी विडंबना ये है कि लोगों को पेयजल जैसी मूलभूत सुविधा भी साफ तौर पर नसीब नहीं हो रही। फ्लैटों में रहने वाले नागरिकों का कहना है कि जिस उम्मीद से उन्होंने ये मकान लिए थे, वह उम्मीद अब निराशा में बदल चुकी है। टंकियों की सफाई वर्षों से नहीं हो पाई है, और जो टंकियां नगर निगम द्वारा लगाई गई हैं, वे ऐसी जगहों पर हैं जहां पहुंचना न तो आसान है और न ही सुरक्षित। अंधेरे और संकरे कोनों में लगी इन टंकियों की हालत इतनी खराब हो चुकी है कि पानी अब पीने लायक नहीं बचा।स्थानीय लोगों का आरोप है कि उन्होंने कई बार पैसे देकर भी सफाई करवाने की कोशिश की, लेकिन कोई भी सफाई कर्मचारी जान जोखिम में डालने को तैयार नहीं। ऐसे में ये लोग मजबूरी में गंदा और संक्रमित पानी पीने को मजबूर हैं।जनता ने नगर निगम से गुहार लगाई है कि यदि लोगों को रहने के लिए छत दी है, तो पानी भी इंसानियत के हिसाब से देना नगर निगम की जिम्मेदारी है। यह सिर्फ एक प्रशासनिक लापरवाही नहीं, बल्कि इंसानों की सेहत और जीवन से खिलवाड़ है।स्थानीय लोग

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