देश व हिमाचल प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में पिछले तीन दशको से सिरमौरी लोक संस्कृति की छाप छोड़ चुके जिला के ख्याति लोक कलाकार चंद्र मोहन ठाकुर ने अपना यूं टयूब चैनल शुरू किया है। हिमाचल आर्ट एवं कल्चर के नाम से इस चैनल का शुभारंभ पद्मश्री पुरस्कार विजेता लोक कलाकार एंव साहित्यकार विद्यानंद सरैक ने किया। उन्होंने लोक संस्कृति व नाटियों की मौलिकता बरकरार रखने तथा जीसं व टी शर्ट तथा कोट पेंट में कार्यक्रम यानि प्रस्तुति न देने के लिए चंद्रमोहन की सराहना की। चंद्रमोहन अब अपने सभी लोक गीत अथवा एलबम आपने चैनल पर ही डालेगे
इसमें गिरिगंगा की वादियों की महक में सिरमौरी नाटियों को मौलिक विधा और ताल के साथ, यहां की समृद्ध सांस्कृतिक लोक कला को दर्शाया जाएगा। इस चैनल को चलाने में आकाशवाणी से ए ग्रेड कलाकार रतन धीमान, सोहन लाल शहनाई व बांसुरी वादक, विद्यादत आकाशवाणी से ग्रेडेड ढोलक वादक, कलाकार सुभाष, अनीश, विशाल, तपेंद्र ठाकुर, सुरेंद्र, विशाल सिखटा व अरुण कुमार का सहयोग रहेगा। चंद्रमोहन ठाकुर ने कहा कि हमारा प्रयास रहेगा कि हिमाचल प्रदेश की विभिन्न वादियों से उन उभरते कलाकारों की खोज करें और प्रत्येक वादी की महक को यू टयूब तक पहुंचाएं।
पद्मश्री विद्याननंद सरैक ने कहा कि कुछ कलाकार हमारी समृद्ध लोक गायन, नाटियों के संगीत में छेड़छाड़ और फूहड़पन का समावेश करके हमारे मौलिक लोक गीतों की मौलिकता समाप्त कर रहे हैं जो चिंतनीय विषय है। उन्होंने कहा कि नाटी की उत्पत्ति जिला सिरमौर से हुई है, हमारे यहां के साज वादन ढोल नगारा, हुड़क, दममटू, शहनाई, बांसुरी, लगोजा, करनाल का प्रयोग आज के दौर में नहीं हो रहा है। इनके प्रयोग से ही पारंपरिक तानें और लय पर ही लोक धुन की मौलिकता प्रकट हो सकती है। इस अवसर पर लोक कलाकार जोगेंद्र हाब्बी सहित काफी कलाकार उपस्थित रहे।