प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अंतर्गत हिमाचल प्रदेश को केंद्र सरकार ने 2643 करोड़ की आर्थिक मदद की है जिसमें लगभग 2682 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों का जाल बिछाना चाहिए हुआ जो प्रदेश की आर्थिक स्थिति को मजबूत करेगा और ग्रामीणों को अपनी उपज को मंडियों तक ले जाने में सहायक सिद्ध होगा। पर शहरों की ओर बढ़ते पलायन को रोकने में भी सहायक सिद्ध होगा। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की इस सोच को केंद्र सरकार ने प्राथमिकता से ली और केंद्र सरकार ग्रामीणों के उत्थान के लिए कार्य करने के लिए वचनबद्ध है
जिला शिमला में बसंतपुर ब्लॉक में 5 सड़कें लगभग 43 किलोमीटर चौपाल क्षेत्र में 10 किलोमीटर जुब्बल कोटखाई में 10 सड़कें 182 किलोमीटर मशोबरा में 6 सड़कें लगभग 56 किलोमीटर नारकंडा सबडिवीजन में 7 सड़कें 70 किलोमीटर ननखड़ी में 5 सड़कें लगभग 35 किलोमीटर रामपुर में पांच सड़कें लगभग 70 किलोमीटर रोहडू में 6 सड़कें 70 किलोमीटर ठियोग में 4 सड़कें 74 किलोमीटर शिमला जिला में 550 किलोमीटर में से शिमला विधानसभा क्षेत्र को 392 किलोमीटर का हिस्सा प्राप्त हुआ है। जिसके लिए सांसद सुरेश कश्यप के अथक प्रयास रहे हैं।
वही सिरमौर में नाहन में पांच सड़कें 68 किलोमीटर पांवटा में छह सड़के 76 किलोमीटर शिलाई में दो सड़कें 27 किलोमीटर जहां सिरमौर के दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में 163 किलोमीटर सड़कों का निर्माण होगा
वहीं जिला सोलन में धर्मपुर ब्लॉक में 2 सड़कें 35 किलोमीटर कंडाघाट में 6 सड़कें 56 किलोमीटर कुनिहार में 5 सड़कें 47 किलोमीटर व नालागढ़ ब्लॉक में 8 सड़कें 92 किलोमीटर व सोलन में 4 सड़कें लगभग 60 किलोमीटर निर्माण होगा जो कुल 291 किलोमीटर के लगभग होगा
आज प्राप्त इस सहायता में प्रदेश सरकार का अंशदान केवल 10% का है।
2372 करोड़ केंद्र से सहायता आ रही है यह केवल हिमाचल प्रदेश को प्राप्त होने वाली स्पेशल कैटिगिरी स्टेट के कारण है।
अन्यथा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह कि यू.पी.ए. गवर्नमेंट में स्पेशल कटागिरी स्टेटस को खत्म कर दिया गया था यह तो तत्कालीन भाजपा की सरकारों के अथक प्रयासों का नतीजा है उसे दोबारा स्पेशल कटागिरी स्टेटस में सम्मिलित करवाया गया। आज हिमाचल की प्रगति में सहायक सिद्ध हो रही है इसके लिए वर्तमान प्रदेश की कांग्रेस सरकार को मोदी सरकार का धन्यवादी होना चाहिए।
प्रदेश में आई आपदा के पश्चात गत 8 अगस्त को प्रदेश के भाजपा सांसदों सहित केंद्रीय सूचना प्रसारण व खेल मामलों के मंत्री अनुराग ठाकुर द्वारा केंद्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह से मिलकर ग्रामीण सड़कों की खराब स्थिति को लेकर विषय को उठाया गया था व जो नुक्सान आपदा में हुआ है उस पर चर्चा करते हुए आग्रह किया था कि प्रदेश को तुरंत 2700 किलोमीटर सड़कों के लिए धनराशि तत्काल प्रभाव से उपलब्ध करवाएं
उनके अथक प्रयासों का परिणाम है कि आज प्रदेश को यह धनराशि उपलब्ध हुई है।
जिससे विकास की नई गाथा लिखी जाएगी।
भारतीय जनता पार्टी प्रदेश की वर्तमान सरकार से यह अपेक्षा करती है की धन का सदुपयोग होगा और कार्य जल्द जनता को समर्पित होंगे। बिना राजनीतिक भेदभाव के विकास की ओर प्रदेश अग्रसर होगा।