उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान और पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह रविवार को शिमला ग्रामीण विधानसभा क्षेत्र के शोघी दौरा किया। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने बिजनेस प्रमोशन सेंटर का लोकार्पण किया। इस मौके पर हर्षवर्धन चौहान ने हिमाचल के उद्योगों में हिमाचली लोगों को प्राथमिकता देने की बात कही और साथ ही राहत पैकेज के बहाने विपक्ष पर भी निशाना साधा।
उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने कहा कि आज शोघी इंडस्ट्रियल एरिया में बिजनेस प्रमोशन सेंटर की शुरुआत हुई है। उन्होंने कहा कि इसके बाद प्रदेश के हर औद्योगिक क्षेत्र में भी ऐसे बिजनेस प्रमोशन सेंटर खोले जाएंगे। इसके अलावा हर्षवर्धन चौहान ने हिमाचल में लगे उद्योगों में स्थानीय लोगों को प्राथमिकता देने के सवाल पर कहा कि प्रदेश के उद्योगों में 80 प्रतिशत स्थानीय लोगों को रोजगार देना सरकार की प्राथमिकता है. उन्होंने कहा कि इसको लेकर सरकार जांच भी करेगी कि क्या इन उद्योगों में स्थानीय लोगों को रोजगार में प्राथमिकता दी जा रही है या नहीं।
वहीं, प्रदेश सरकार की ओर से आपदा को लेकर की गई राहत पैकेज की घोषणा पर उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह की तारीफ की तो विपक्ष पर भी हमला बोला। उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान ने राहत पैकेज के बहाने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि अपने रिसोर्सेज को मोबिलाइज करते हुए मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह ने 4500 करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की है जो एक सराहनीय कदम है, लेकिन ऐसे आपदा के बाद भी केंद्र की ओर से कोई बड़ी आर्थिक सहायता प्रदेश को नहीं मिली। उन्होंने कहा कि जब विधानसभा मानसून सत्र के दौरान आपदा से हुए नुकसान के लिए राहत पैकेज की मांग पर रेजोल्यूशन लाया गया तो विपक्ष के नेता और नेता विपक्ष जयराम ठाकुर ने इसका भी विरोध किया जो बेहद दुखद है।
वहीं, इस दौरान प्रदेश सरकार में पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने राजधानी शिमला पर बढ़ते जनसंख्या के बोझ और इसके डी कंजेशन की बात कही। पीडब्ल्यूडी मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि शिमला की 20 हज़ार लोगों के हिसाब से बताया गया था, लेकिन आज इसकी जनसंख्या उससे कहीं ज्यादा है। विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि ऐसे में शहर से जनसंख्या को डिसेंट्रलाइज करने की जरूरत है। और शिमला शहर के आसपास के इलाकों को विकसित करना होगा।
विक्रमादित्य सिंह ने इसी मसले से जुड़े जाठिया देवी को शहर के रूप में विकसित करने के सवाल पर कहा कि इसके विकास के लिए सामूहिक प्रयास करने की जरूरत है। जिसमें सभी विभागों का सहयोग जरूरी है और सभी संबंधित विभाग साथ आ भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसको लेकर काम चल रहा है, लेकिन यह एक लंबी प्रक्रिया है और आने वाले 10 से 15 सालों में इसको विकसित किया जा सकता है।