BPSC Success Story: किसी की मां ने मजदूरी कर पढ़ाया, तो किसी के पिता ने जूते-चप्पल बेचकर भरी फीस

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बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) की 67वीं कंबाइंड कॉम्पिटेटिव परीक्षा 2023 का रिजल्ट जारी कर दिया गया है. BPSC में पास होने वाले कई परीक्षार्थी ऐसे हैं जिन्होंने मेहनत के दम पर अपनी किस्मत लिखी है.

1. शिव शक्ति: बचपन में पिता गुजर गए, मां ने मजदूरी कर पढ़ाया

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वैशाली जिले के हाजीपुर प्रखंड के मनुआ गांव के रहने वाले शिव शक्ति की BPSC में 205 वीं रैंक आई है. महज तीन साल की उम्र में पिता रमाशंकर राय गुजर गए थे. मां कालिंदी देवी ने भैंस पालने के साथ खेतों में मेहनत मजदूरी कर पढ़ाया. हाईस्कूल पास करने के बाद शिव शक्ति दिल्ली की एक फैक्ट्री में 3300 रुपये की मामूली सी नौकरी करने लगे. फिर लोगों के कहने पर इंटर करने के बाद ग्रेजुएशन किया और UPSC की तैयारी में जुट गए. कई बार एग्जाम दिया, एक बार इंटरव्यू तक भी पहुंचे, इसी क्रम में अब वह BPSC पास कर अफसर बन गए हैं.

2. ललन कुमार: जूता चप्पल बेचने वाले का बेटा डिप्टी कलेक्टर बना

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जमुई जिले के बरहट गांव के रहने वाले ललन कुमार भारती ने BPSC की परीक्षा पास कर अपने पिता के सपनों को साकार कर दिया है, मगर उनकी कामयाबी देखने के लिए अब उनके पिता इस दुनिया में नहीं हैं. ललन कुमार के पिता ने जूता-चप्पल बेचकर अपने बेटे को पढ़ाया था, लेकिन BPSC का रिजल्ट आने के समय वो हॉस्पिटल के वेंटीलेटर पर थे. परिणाम आने के कुछ ही घंटे के बाद पिता जगदीश दास की मौत हो गई. ललन पिछले चार सालों से BPSC की तैयारी कर रहे थे. तीसरे प्रयास में उन्हें सफलता मिली है. वह सीनियर डिप्टी कलेक्टर बने हैं.

3. श्वेता कौर: मजाक उड़ाने वालों को मेहनत से दिया करारा जवाब

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नवादा की श्वेता कौर 4 फीट की हैं. उनके छोटे कद की वजह से लोग उनका मजाक उड़ाते थे, लेकिन श्वेता अपने लक्ष्य को पाने के लिए उन्हें नजरअंदाज किया और मेहनत के साथ पढ़ाई करती रहीं. BPSC 67वीं परीक्षा में उन्होंने 330वीं रैंक हासिल की है. अब वह जिला ऑडिट ऑफिसर के रूप में जानी जाएंगी. श्वेता के पिता की नवादा में एक कपड़े की छोटी सी दुकान है.

श्वेता न्यूज 18 से बातचीत करते हुए कहती हैं कि ‘मेरी हाइट छोटी थी, लोगों के ताने सुनने पड़ते थे. लोग बोलते थे कि मेरी हाइट छोटी है तो मेरी शादी कैसे होगी? लेकिन मेरे हौसले कभी कम नहीं हुए. दो बार असफल होने के बाद तीसरी बार परीक्षा के परिणाम आते ही मैं जिला ऑडिट ऑफिसर बन गई हूं’.

4. अमित कुमार: दिन में नौकरी की और रात में पढ़ाई कर बने SDM

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बिहार में मुजफ्फरपुर के रहने वाले अमित कुमार ने दिन में नौकरी और रात में पढ़ाई करते हुए BPSC की 67वीं कंबाइंड कॉम्पिटेटिव परीक्षा 2023 में 51वीं रैंक पाकर एसडीएम बने हैं. अमित ने साल 2007 में विजया बैंक में नौकरी हासिल कर ली. इसके बाद स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया में जॉब पाने में भी सफल रहे, लेकिन SDM बनने के लिए बैंक की नौकरी छोड़ दी और BPSC की तैयारी करते रहे.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अमित कुमार ने बिहार लोक सेवा आयोग की 64वीं परीक्षा भी क्लियर किया था और 95वीं रैंक हासिल की थी. इसके लिए उन्हें प्रोबेशनरी अधिकारी का पद मिला था. मगर SDM बनने के लिए उन्होंने BPSC की तैयारी नहीं छोड़ी, हालांकि नौकरी के साथ पढ़ाई करना उनके लिए आसान नहीं था.

PO बनने और परिवार बच्चे होने के बाद अमित कुमार की जिम्मेदारियां भी बढ़ती गईं. बावजूद इसके वो अपने लक्ष्य को पा लेने तक नहीं रुके. अमित दिन में नौकरी और रात में पढ़ाई करते थे. उनके सपने को पूरा करने के लिए उनकी पत्नी ने भी उनका बखूबी साथ दिया. अब अमित BPSC 67वीं परीक्षा पास कर SDM बन गए हैं. उनके परिवार में ख़ुशी का माहौल है. लोग उनकी कामयाबी पर उन्हें बधाइयां दे रहे हैं.

5. रिया कुमारी: सब इंस्पेक्टर पिता की जूनूनी बेटी बनेगी अफसर

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मुंगेर के सदर प्रखंड के तारापुर दियारा पंचायत स्थित महेशपुर गांव की रहने वाली रिया कुमारी ने पहले ही प्रयास में बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर परिवार का नाम रोशन कर दिया है. उनके पिता शंकर सिंह सब इंस्पेक्टर के पद पर कार्यरत हैं. रिया UPSC का भी एग्जाम देना चाहती हैं. उनकी सफलता से उनका परिवार काफी खुश है.