नाहन से महज चंद किलोमीटर की दूरी पर खतरे में BPL परिवार

हिमाचल प्रदेश में हो रही मूसलाधार बारिश “गरीब” परिवारों पर कहर बनकर टूटी है। सिरमौर जिला के मुख्यालय के समीप ही गरीब परिवार का ये हाल है तो दुर्गम इलाकों की हम कल्पना भी नहीं कर सकते। लगातार हो रही बारिश अब मुसीबत बन गई है। नाहन से महज चंद किलोमीटर की दूरी पर सैन की सैर पंचायत में एक बीपीएल (BPL) परिवार के सदस्य खतरे के साए में जिंदगी जी रहे हैं।

भारी बारिश से ढहा भगवंत सिंह का मकान

भारी बरसात शिलड़ गांव के भगवंत सिंह के परिवार के लिए कहर बनकर आई है। मिट्टी व पत्थरों से बनी रसोई बीते 28 जुलाई को ढह गई। गनीमत यह रही कि हादसे के दौरान भगवंत सिंह की बड़ी बहू शिवानी बाल -बाल बच गई। वहीं, पुरे घर में जगह-जगह से पानी रिस रहा है। जिस कारण परिवार के लोग रातों को जाग कर अनहोनी को टालने की कोशिश में लगे हैं

पंचायत प्रधान के संज्ञान में मामला लाए जाने के बाद भी पंचायत ने उन्हें अपने हाल पर छोड़ दिया है। पंचायत प्रधान ने स्वयं मौके का निरीक्षण न कर जिम्मेदारी वार्ड मेंबर को सौंप दी। जिसका अभी तक कोई भी परिणाम सामने नहीं आया है। शायद पंचायत किसी बड़े हादसे का इन्तजार कर रही है।

एमबीएम न्यूज़ संवाददाता नेहा ठाकुर ने जब इस घर का हाल जानना चाहा तो हैरान कर देने वाली तस्वीर सामने आई। गौरतलब है कि परिवार के पास आय का कोई साधन नहीं है। छोटी-मोटी खेती व मजदूरी कर परिवार अपना जीवन यापन कर रहा है। यह मकान लगभग 50 से अधिक साल पुराना है। मिट्टी व पत्थरों से बने इस मकान की छत लकड़ी के बलों पर टिकी है।

28 जुलाई को रसोई की छत ढ़हने के बाद यह परिवार तिल-तिल कर जी रहा है। पुरे घर में पानी टपकने अन्य कमरों में सैलाब आ गई है। मकान के दूसरे हिस्से की छत कभी भी ढह सकती है। सोने व खाने के लिए तिरपाल बिछा कर यह परिवार अपना गुजारा कर रहा है। वहीं बरसात में खतरनाक सांप बिच्छू जैसे विषैले रेंगने वाले जीवों से अलग खतरा है।

हैरानी की बात तो ये है कि परिवार 2003 से BPL सूची में शामिल है, लेकिन अभी तक कोई भी सरकारी सुविधा नहीं मिल पाई है। पंचायत में सुनवाई न होने पर परिवार इतना दुखी हो चुका है कि उन्हें बरसात का अब एक-एक दिन निकालना सालों जैसा लग रहा है। परिवार को उम्मीद है कि पंचायत में सुनवाई न होने पर जिला प्रशासन शायद उनकी कोई मदद कर दे।

भगवंत सिंह व उनके परिवार ने सिरमौर जिला के उपायुक्त सुमित खिमटा से तत्काल इस मामले में कार्रवाई करने का आग्रह किया है। साथ ही उम्मीद जताई है कि प्रशासन जल्द ही उनकी सुध ले, ताकि कोई जान-माल की क्षति न हो। परिवार मानसिक अवसाद के दौर से गुजर रहा है।