बिलासपुर जिला प्रशासन ने गोविंद सागर झील में पर्यटन अनुभव को और रोमांचकारी बनाने के लिए पैरासेलिंग की शुरुआत

Bilaspur District Administration launches Parasailing to make tourism experience more thrilling in Govind Sagar Lake

बिलासपुर जिला प्रशासन ने गोविंद सागर झील में पर्यटन अनुभव को और रोमांचकारी बनाने के लिए पैरासेलिंग गतिविधियों की शुरुआत करने का निर्णय लिया है। दिल्ली की एक प्रमुख कंपनी जो वर्तमान समय में टिहरी में अपनी सेवाएं दे रही है, उसे इस परियोजना के तहत ट्रायल संचालन के लिए आमंत्रित किया गया है। यह कंपनी अगले दो महीनों तक झील में पैरासेलिंग गतिविधियों का संचालन करेगी। वहीं जिला प्रशासन ने परियोजना के लिए सभी आवश्यक अनुमतियां प्रदान कर दी हैं। कंपनी दिसंबर के पहले सप्ताह में अपनी पैरासेलिंग बोट्स को बिलासपुर लाएगी, जिसके पश्चात ट्रायल चरण शुरू होगा। इस दौरान एक टेक्निकल कमेटी पैरासेलिंग से संबंधित गतिविधियों पर निगरानी रखेगी, जिसके बाद ट्रायल रिपोर्ट के आधार पर जिला नियामक समिति स्थायी संचालन के लिए अनुमति प्रदान करेगी. गौरतलब है कि गोविंद सागर झील में पहले से ही क्रूज, शिकारा व स्पीड मोटरबोट जैसी गतिविधियां पर्यटकों को आकर्षित कर रही हैं। वहीं एक माह पूर्व 29 अक्टूबर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुखु द्वारा गोविंद सागर झील में वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी व एडवेंचर टूरिज्म का शुभारंभ किया गया था, जिसके बाद से कुल्लू, मनाली व धर्मशाला जाने वाले पर्यटक इन बोटस का आनंद ले।रहे हैं. वहीं अब इन गतिविधियों में पैरासेलिंग को शामिल करने से झील की लोकप्रियता और बढ़ जाएगी व गोविंद सागर झील में चल रही वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी व एडवेंचर टूरिज्म में एक अध्याय और जुड़ जाएगा, साथ ही बिलासपुर को वाटर स्पोर्ट्स एक्टिविटी का केंद्र बिंदु बनकर सामने आएगा. बता दें कि पैरासेलिंग में विशेष रूप से डिजाइन किया गया पैराशूट होता है जिसे पैरासेल कहा जाता है और यह बोट से जुड़ा होता है, जिसका नियंत्रण ऑपरेटर के पास होता है. वहीं झील में पैरासेलिंग की यह पहल न केवल रोमांच प्रेमियों को आकर्षित करेगी बल्कि स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगी। वहीं इस परियोजना का उद्देश्य बिलासपुर जिला को जल पर्यटन का एक प्रमुख केंद्र बनाना है जिससे झील के आसपास होटल, रेस्तरां और हस्तशिल्प जैसे सहायक उद्योगों का भी विकास होगा. वहीं पैरासेलिंग ट्रायल सफल होता है तो पैरासेलिंग को स्थायी रूप से झील की आकर्षण सूची में शामिल किया जाएगा। इसके लिए औपचारिक परमिट जारी किए जाएंगे और संचालन के लिए एक व्यवस्थित ढांचा तैयार किया जाएगा. इस बात की जानकारी देते हुए उपायुक्त बिलासपुर आबिद हुसैन सादिक ने कहा कि जिला प्रशासन व प्रदेश सरकार का प्रमुख उद्देश्य है कि बिलासपुर को वाटर टूरिज्म का प्रमुख केंद्र बनाया जाए और गोविंद सागर झील की प्राकृतिक सुंदरता और इसकी पर्यटन क्षमता को देखते हुए पैरासेलिंग की शुरुआत करना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा। साथ ही उन्होंने कहा कि नोर्थ इंडिया में यह पहला प्रयास होगा कि बिलासपुर स्थित गोविंद सागर झील में पैरासेलिंग का आयोजन होगा जिसमें एक हाईटेक बोट देखने को मिलेगी और आने वाले समय में पर्यटकों को पैरासेलिंग के लिए गोवा व दुबई का रुख नहीं करना पड़ेगा.