पंजाब के सीएम भगवंत मान द्वारा बीबीएमबी के पानी पर हिमाचल को एनओसी न लेने की शर्त में केंद्र सरकार द्वारा दी गई छूट के मामले पर प्रधानमंत्री को लिखे पत्र पर उप मुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने प्रतिक्रिया दी है।
मंडी में मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि हिमाचल के पानी पर हिमाचल का हक है। इस पर हम बात करने के लिए भी तैयार हैं और अगर लड़ाई लड़नी पड़ी तो उसके लिए भी तैयार हैं। पंजाब पुर्नगठन के तहत हिमाचल प्रदेश की 7.19 प्रतिशत की हिस्सेदारी बनती है, जिसके हजारों करोड़ रूपए अभी तक लेने को बकाया हैं। इन सभी विषयों पर राज्य सरकार बात करने को भी तैयार है और लड़ाई लड़ने के लिए भी।
मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि वाटर सेस लगाना भी राज्य सरकार का विशेषाधिकार है। इस विषय पर राज्य सरकार बिल्कुल भी पीछे हटने वाली नहीं है। केंद्र सरकार की तरफ से जिस तरह से अडंगा अडाया जा रहा है वो उचित नहीं है। केंद्र सरकार ने कह दिया है कि कोर्ट में जाकर लड़ाई लड़ो तो उसके लिए भी राज्य सरकार तैयार है। इसमें यदि सरकार चाहे तो वार्तालाप किया जा सकता है, लेकिन हकों को लेने में प्रदेश पीछे नहीं हटेगा।
इससे पहले उन्होंने मंडी में एडीबी और जल शक्ति विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक करके एशियन डेवलपमेंट के आगामी प्रोजेक्ट को लेकर चर्चा की। उन्होंने बताया कि एडीबी के माध्यम से 1062 करोड़ की ग्रामीण पेयजल सुधार एवं आजीविका परियोजना प्रदेश के लिए स्वीकृत हुई है। इससे 10 जिलों की 3.96 लाख जनसंख्या लाभांवित होगी।
इस प्रोजेक्ट को 2024 की पहली तिमाही में शुरू कर दिया जाएगा और 2028 तक इसे पूरा कर लिया जाएगा। पहले राज्य सरकार इस पैसे को खर्च करेगी जिसके बाद एडीबी की तरफ से यह राशि सरकार को प्राप्त होगी। उन्होंने एडीबी के अधिकारियों को आश्वस्त किया कि परियोजना का निर्माण कार्य समय रहते शुरू कर दिया जाएगा।