Ayodhya: मुंह ढककर रामलला के दर्शन करने Ram Mandir पहुंचा ये एक्टर, कान में भक्त ने बोला- ‘भईया जी…
Ram Mandir अयोध्या में रामलला के विराजमान होते ही दर्शन के लिए भक्तों का तांता लग गया है। कहां तक देश राज्य और जिलों के नाम गिनाए जाएं। किस मापदंड से श्रद्धालुओं की भावनाओं को मापा जाए। इतना उत्साह और दर्शन की आकांक्षा कि तिल रखने की जगह नहीं। इसी बीच बॉलीवुड के एक जाने-माने अभिनेता अपना मुंह ढककर रामलला के दर्शन के लिए पहुंच गए।
HIGHLIGHTS
- अयोध्या में रामलला के दर्शन के लिए पहुंच रहे श्रद्धालु
- अभिनेता अनुपम खेर ने मुंह ढककर किए रामलला के दर्शन
थाईलैंड, नेपाल, उड़ीसा, तमिलनाडु, जबलपुर, सासाराम, तिरुवनंतपुरम…। कहां तक देश, राज्य और जिलों के नाम गिनाए जाएं। किस मापदंड से श्रद्धालुओं की भावनाओं को मापा जाए। इतना उत्साह और दर्शन की आकांक्षा कि तिल रखने की जगह नहीं।
अभिनेता अनुपम खेर सोमवार को अतिथि के रूप में रामलला की प्रतिमा के प्राण प्रतिष्ठा समारोह में गए थे। वह दूसरे दिन भी दर्शन का लोभ छोड़ न सके और मंगलवार को आम श्रद्धालुओं के बीच मफलर से अपना चेहरा ढंक कर राम मंदिर पहुंच गए।
मुंह ढक कर रामलला के दरबार में पहुंचा ये अभिनेता
अनुपम खेर ने एक्स पर लिखा ‘कल मैं आमंत्रित अतिथि बन कर राम मंदिर गया था। पर आज सबके साथ चुपचाप मंदिर जाने का मन किया। भक्ति का ऐसा समंदर देखने को मिला कि हृदय गदगद हो उठा। श्रद्धालुओं में रामजी के दर्शन को लेकर उत्साह और भक्ति भाव देखते ही बन रहा था। जब मैं निकलने लगा तो एक भक्त हल्के से कान में बोला, भैया जी मुंह ढंकने से कुछ नहीं होगा। रामलला ने पहचान लिया।’
सेलिब्रिटी से लेकर आम जनता हुई मंत्रमुग्ध
अब आप स्वयं ही अंदाजा लगाइए जब सेलिब्रिटी भगवान के दर्शन के मोह से नहीं बच पा रहे और आम श्रद्धालुओं में कितनी ललक होगी, अंदाजा लगाना मुश्किल है।
रामलला के दर्शन के लिए अयोध्या में डाला डेरा
महाराष्ट्र से रामलला का दर्शन करने अयोध्या आए सुरेश पाटिल कहते हैं, ‘रामलला का दर्शन किए बिना मन ही नहीं मान रहा था।’ वह चार दिन पूर्व अयोध्या आए हैं। मंगलवार को भी दर्शन का प्रयास किया था, लेकिन अत्यधिक भीड़ होने के कारण दर्शन नहीं कर सके थे। कहते हैं, ‘भगवान के दर्शन का परम सुख प्राप्त हुआ है।’
‘सपना साकार हो गया’
उन्हीं की भांति तमिलनाडु के करुणाकरण कहते हैं, ‘हम भारतीयों के लिए रामलला के मंदिर से बढ़कर कुछ नहीं है। पांच सदी तक जिसके लिए संघर्ष होता रहा, वह सपना साकार हो गया है। इसलिए स्वयं को दर्शन करने से नहीं रोक पाया।’