Avocado की खेती ने बदल दी ज़िंदगी: UK से बिजनेस की पढ़ाई कर भारत लौटे, अब लाखों कमा रहे हर्षित

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एक तरफ जहां देश के युवा खेती-किसानी छोड़ बड़े शहरों, या विदेशों में नौकरी करके कम्फर्ट जीवन बिताना चाहते थे. वहीं कुछ ऐसे भी हैं, जो अच्छे कॉलेज या विदेश से पढ़ने के बाद भी भारत में खेती-किसानी की अहमियत को समझते हुए कृषि कर रहे हैं, और लाखों रुपए कमा रहे हैं. भोपाल के 26 वर्षीय हर्षित गोधा एक ऐसा ही नाम हैं. लंदन से पढ़ने के बाद वो भारत में एवाकाडो की खेती कर लाखों कमा रहे हैं.

Harshit returning to India after studying from UK is doing BI

कहां से आया Avocado Farming का आइडिया?

हर्षित साल 2016 में यूके के यूनिवर्सिटी ऑफ बाथ से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई कर रहे थे. तभी उनकी जिंदगी का लक्ष्य एक दम से बदल गया. दरअसल, हर्षित अपने फिटनेस को लेकर हमेशा सचेत रहे. वो जिम और बॉडी बिल्डिंग का शौक रखते थे. वे हमेशा संतुलित आहार लेते थे.

एक दिन मार्केट में कुछ सामान खरीदते समय उनकी नजर एवाकाडो की पैकेट पर पड़ी. जिस पर लिखा था ये एवाकाडो इजरायल से लाया गया है. हर्षित कहते हैं मैंने सोचा कि जब इजरायल जैसे गर्म देश में एवाकाडो, जो दुनिया के सबसे महंगे फलों में से एक है, हो सकता है तो भारत में क्यों नहीं.

Harshit Godha returning to India after studying from UK is doing Global India

Avocado की खेती के लिए इजरायल से ली ट्रेनिंग

हर्षित ने भारत लौटकर एवाकाडो की खेती करने का फैसला किया. इसके लिए उन्होंने रिसर्च शुरू की. इजरायल में कई ऐसे लोगों को मेल किया जो एवाकाडो की खेती के बारे में जानते या खेती करते थे. उनसे मदद मांगी. उनमें से एक ने उनके मेल का उन्हें जवाब देते हुए फ्री ट्रेनिंग के लिए हर्षित को इजरायल बुला लिया. हर्षित एक माह की ट्रेनिंग लेने के बाद वापस भारत लौटे.

अब हर्षित के सामने एक और समस्या थी. देश में एवाकाडो की सीड अच्छी क्वालिटी के नहीं थे. ऐसे में उन्होंने इजरायल से प्लांट मंगाने का फैसला लिया. लेकिन इसके लिए एक लंबा प्रोसेस था. हालांकि उन्होंने इजरायल से एवाकाडो के प्लांट मंगाने के लिए सारे पेपर वर्क कंप्लीट भी कर लिया था. इसके बावजूद उन्हें तक़रीबन दो साल खेती के लिए इंतज़ार करना पड़ा.

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खेती शुरू करने के लिए दो साल करना पड़ा इंतज़ार

दरअसल, जब हर्षित एवाकाडो की खेती के लिए प्लांट इजरायल से मंगाने वाले थे. तभी विश्व में कोविड-19 जैसी महामारी ने सब कुछ थप कर दिया था. दोनों देशों में लॉकडाउन की वजह से उनका काम शुरू होते होते रुक गया. जब कोरोना खत्म हुआ तब उनका प्लांट इजरायल हवाईअड्डे से भारत के रवाना होने वाला था, लेकिन हमस में हमले की वजह से उन्हें और इंतज़ार करना पड़ा. पूरे दो साल के इंतज़ार के बाद हर्षित ने एवाकाडो की खेती शुरू की.

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अब हर्षित कमा रहे हैं लाखों रुपए

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, हर्षित के पिता एक मशहूर वकील हैं. उनके दादा भी जाने माने वकील थे. उनके भाई भी वकील हैं. ऐसे में हर्षित जब खेती करना शुरू किया तो लोगों ने तंज कसे. उनको कहा गया कि सिल्वर स्पून वाले खेती कैसे करेंगे, इन्हें कुछ पता भी है, लेकिन उनके परिवार ने हमेशा उनका साथ दिया. उन्होंने भी ऐसी नकारात्मक बातों पर ध्यान न देकर खेती पर फोकस किया.

आज हर्षित एवाकाडो की नर्सरी से उसके प्लांट को पूरे देश में बेच रहे हैं. उन्होंने इस काम को शुरू करने के लिए तक़रीबन 50 लाख खर्च किए. अब तक इससे वो लाखों रुपए कमा चुके हैं. हर्षित बताते हैं कि जब वह किसी पार्टी में खुद को एक खेती करने वाला बताते हैं तो सभी चौंक जाते हैं. खास तौर से लड़कियां हैरान हो जाती हैं, लेकिन जब वो एवाकाडो की खेती के बारे में बताते हैं तब लोगों के एक्सप्रेशन बदल जाते हैं.