वन निगम के असिस्टेंट मैनेजर संजय शर्मा हुए सेवानिवृत्त, 36 वर्ष की सेवा के बाद हुए रिटायर, राज्य वन निगम कर्मचारी संघ के रहे है 10 वर्ष अध्यक्ष

 

राज्य वन निगम में बतौर असिस्टेंट मैनेजर कार्यरत परवाणू के संजय शर्मा 36 वर्ष के सेवाकाल के बाद सेवानिवृत्त हो गए। संजय शर्मा राज्य वन निगम कर्मचारी संघ के 10 वर्ष तक अध्यक्ष भी रहे है। उन्होंने अपनी रिटायरमेंट पार्टी की शुरुआत पूजा अर्चना के बाद जरूरतमंद लोगो को कम्बल बांटने से की। उन्हें समाजसेवा के साथ साथ वन निगम में कार्यरत कर्मचारियों के अच्छे बुरे समय में हमेश साथ खड़े होने वाले शख्स के तौर पर जाना जाता है। संजय शर्मा समाजसेवा के क्षेत्र में हमेशा सक्रिय रहते है, यही वजह है की उनकी रिटायरमेंट पार्टी में समाज के हर तबके के लोगो ने पहुंचकर उन्हें शुभकामनाएँ दी। बद्दी के होटल क्लार्क्स इन्न में संपन्न हुई उनकी विदाई पार्टी में दून के वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुरजीत चौधरी, अजय चौधरी, बद्दी नगर परिषद के अध्यक्ष तरसेम चौधरी, भटौलीकलां के पूर्व प्रधान अच्छर पाल कौशल, हरियाणा प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि शर्मा, परवाणू के कांग्रेस नेता व पूर्व पार्षद हरीश शर्मा, पिंजौर से ताल्लुक रखने वाले प्रसिद्ध ज्योतिष विशेषग्य हंसराज शांडिल्य, वन निगम के डीएम रघुनन्दन शर्मा, बलदेव राज कंडेता, संजय बहल, संजीव डोगरा, अंकुश, विजय, सचिन, साहिल, जतिन समेत पारिवारिक सदस्य उपस्थित रहे।
बता दे की संजय शर्मा ने अपने कार्यकाल के दौरान वन निगम के लिए बेहतरीन कार्य किए है। वन निगम कर्मचारी संघ का अध्यक्ष रहते उन्होंने बद्दी में करोड़ों रुपए मूल्य की जमीन वन निगम के नाम करवाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। इसके अलावा वन निगम में कार्यकाल के दौरान किसी कारण अपना जीवन गवां चुके कर्मियों के बच्चों को करुणामूल आधार पर नौकरियां दिलाने में भी संजय शर्मा हर समय आगे रहे।
बता दे की संजय शर्मा मूल रूप से जिला मंडी के जोगिंदर नगर विधानसभा क्षेत्र के हराबाग से सम्बंधित है, लेकिन पिछले 40 वर्षो से परवाणू के निवासी है। उन्होंने कार्यकाल के दौरान प्रदेश वन निगम के कई कार्यालयों में काम किया है। उनकी पत्नी किरण शर्मा शिक्षा विभाग से रिटायर है, जबकि दोनों बेटे साहिल व भानू अपना व्यवसाय चला रहे है।
विदाई पार्टी में अपने संबोधन के बाद उन्होंने अपने कार्यकाल के खट्टे मीठे अनुभवों को साँझा किया। उन्होंने कहा की कांग्रेस पृष्ठभूमि का होने के चलते उन्हें कई बार प्रताड़ित किया गया, हालांकि उन्होंने कभीं नौकरी के बीच राजनीति को नहीं आने दिया लेकिन फिर भी पारिवारिक पृष्ठभूमि कांग्रेस की होने के चलते उनकी कई बार ट्रान्सफर की गयी। उन्होंने कहा की अब वे अपने कार्यभार से मुक्त हो चुके है व खुलेआम यह एलान करते है वे कांग्रेस की विचारधारा को समर्पित है। रिटायर होने के बाद अब वे कांग्रेस पार्टी के कार्यक्रमों में सक्रिय होकर शामिल होंगे व पार्टी को मजबूत करने का प्रयास करेंगे।