पुरुष हॉकी टीम द्वारा एशियन गेम्स में गोल्ड जीतने के बाद भारत की बेटियों ने भी देश का नाम रोशन किया है. भारत के 107 मेडल्स में महिला हॉकी टीम का एक कांस्य पदक भी शामिल है. अपनी इस जीत के साथ भारत की इन बेटियों ने देश को खुश होने का एक और बहाना दिया है.
नेहा ने रोशन किया देश का नाम
हरियाणा के सोनीपत की नेहा गोयल भी इस पदक विजेता टीम का हिस्सा रहीं. नेहा के लिए एशियन गेम्स में में खेल रही भारतीय महिला हॉकी टीम का हिस्सा होना बड़ी बात थी. उनका यहां तक पहुंचना बेहद मुश्किल था. उनकी इस उपलब्धि के पीछे उनकी मां की कड़ी मेहनत का अहम योगदान रहा. उन्होंने अपनी माँ के साथ मिलकर इस मुकाम पर पहुंचने का सपना देखा था. बेटी के इस सपने को पूरा करने के लिए मां ने दिन-रात जीतोड़ मेहनत की. नेहा की मां ने उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाने के लिए बहुत संघर्ष और मेहनत की.
बेटी का सपना पूरा करने के लिए मां ने किया संघर्ष
ये नेहा की मां ही थीं जिनकी वजह से भारत की इस बेटी ने एशियन गेम्स में खेलने का मौका मिला. आज उनकी इस उपलब्धि पर उनके परिवार ही नहीं बल्कि पूरे हरियाणा को को गर्व है. वह अपनी मां की वजह से ही ये सफलता हासिल कर पाई हैं. बेटी अच्छा खेल सके और उसे बेहतर सुविधाएं मिलें इसके लिए मां ने कड़ा संघर्ष किया. उन्होंने अपनी बेटी को आगे बढ़ाने के लिए दूसरों के घर में बर्तन भी मांजे. इसी तरह दूसरों के घरों में काम कर मां ने बेटी का सारा खर्चा उठाया.
मां के कंधों पर थी परिवार की जिम्मेदारी
कहने को तो नेहा के पिता भी थे लेकिन शराब की लत ने उन्हें इस लायक नहीं छोड़ा कि वो घर परिवार और बेटी को आगे बढ़ाने की जिम्मेदारी संभाल सकें. इसी वजह से घर की सारी जिम्मेदारी नेहा की मां के कंधों पर आ गई थी. शराबी पिता की मौत के बाद नेहा की मां के लिए घर की जिम्मेदारी उठाना और भी कठिन हो गाउआ लेकिन इसके बावजूद उन्होंने हार नहीं मानी और बेटियों के सपनों को पूरा करने के लिए संघर्ष करती रहीं.
आज जब नेहा ने सफलता के झंडे गाड़े हैं तो उनकी मां खुशी से झूम उठी हैं. उन्हें बेटी की इस सफलता पर बेहद गर्व है. उन्हें पूरी उम्मीद है कि उनकी बेटी आगे भी इसी तरह देश का नाम रोशन करती रहेगी. उन्हें ये विश्वास है कि आने वाले ओलंपिक में पूरी टीम गोल्ड मेडल जीतेगी.
बता दें कि भारतीय खिलाड़ियों ने एशियन गेम्स 2023 में इतिहास रच दिया है. ऐसा पहली बार हो रहा है कि एशियन गेम्स में भारत ने अपने नाम 100 मेडल्स हासिल किए हैं. भारत मेडल्स सूची में चौथे नंबर पर रहा.