एशियन गेम्स (Asian Games 2023) में भारत ने तीसरा गोल्ड मेडल जीत लिया है. इक्वेस्ट्रियन प्रतियोगिता में टीम ड्रेसेज (Team Dressage) स्पर्धा में 41 साल बाद भारतीय टीम ने स्वर्ण पदक जीता. सुदीप्ति हजेला, दिव्यकृति सिंह, अनुश अग्रवाल और हृदय छेडा ने टीम इवेंट में देश को मेडल दिलाया. भारतीय टीम ने 209.205 पॉइंट्स हासिल किए और पोडियम पर टॉप पॉज़िशन हासिल किया.
भारतीय Equestrian Team ने रचा इतिहास
41 सालों के लंबे इंतज़ार के बाद भारत की इक्वेस्ट्रियन टीम ने इतिहास रच दिया. सुदीप्ति हजेला, दिव्यकीर्ति सिंह, अनुश अग्रवाल और हृदय छेडा ने गज़ब के टीमवर्क और स्किल का प्रदर्शन किया. भारतीय इक्वेस्ट्रियन स्पोर्ट्स के लिए भी ये जीत बहुत मायने रखती है.
ड्रेसेज (Dressage) भारत के सबसे पॉपुलर फ़ॉर्म्स ऑफ हॉर्स राइडिंग में से एक है. 1982 में नई दिल्ली में हुए एशियन गेम्स में रघुबीर सिंह ने एकल प्रतियोगिता में गोल्ड मेडल जीता था. ड्रेसेज में भारत को 1986 एशियन गेम्स में कांस्य पदक मिला था.
41 साल बाद इक्वेस्ट्रियन में गोल्ड दिलाने वाले खिलाड़ियों से मिलिए
Sudipti Hajela
इंदौर, मध्य प्रदेश की सुदीप्ति हाजेला ने 6 साल की उम्र से ही इक्वेस्ट्रियन का सफ़र शुरु कर दिया था. गर्मियों की हॉबी जल्दी ही उनका करियर बन गई. डैली कॉलेज, इंदौर से सुदीप्ति ने अपनी पढ़ाई पूरी की है. इक्वेस्ट्रियन के सफ़र में कॉलेज से काफ़ी सपोर्ट मिला. सुदीप्ति के ट्रेनर्स फ़्रेंच ओलंपिक्स टीम और फ़्रेंच नेशनल टीम्स का हिस्सा रह चुके हैं.
Divyakriti Singh
जयपुर, राजस्थान की दिव्यकृति सिंह अंतर्राष्ट्रीय ड्रेसेज राइडर हैं. मेयो कॉलेज गर्ल्स स्कूल की छात्रा दिव्यकृति ने कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया है. कॉलेज प्रोग्राम के ज़रिए दिव्यकृति के सपनों को पंख मिले. स्कूल और यूनिवर्सिटी की पढ़ाई के दौरान वो यूरोप में ट्रेनिंग के लिए जाती थीं. 2020 में दिव्यकृति यूरोप शिफ़्ट हो गईं. तब से उन्होंने कई प्रतियोगिताओं में भारत का प्रतिनिधित्व किया है.
Anush Agarwalla
कोलकाता के अनुश 3 साल की उम्र में पहली बार घुड़सवारी की. वो विकेंड में घुड़सवारी करते थे और धीरे-धीरे यही उनका पैशन बन गया. 8 साल की उम्र में अनुश ने राइडिंग लेसन्स के लिए दाखिला लिया. 11 साल की उम्र में वो अपना सपना पूरा करने के लिए दिल्ली आ गए.
Hriday Chhheda
मुंबई, महाराष्ट्र में जन्मे हृदय ने भी बचपन में ही घुड़सवारी शुरू की. 6 साल की उम्र से ही उन्होंने घुड़सवारी शुरू कर दी थी. पिछले 10 सालों में उन्होंन यूरोप में ट्रेनिंग की थी.