क्या आप भी फैटी लिवर से परेशान हैं ?  तो इन रामबाण चीजों को शामिल करे अपनी डाइट में…साथ ही ये चीजें भी रोज करते हैं, तो नहीं होगी कभी लिवर की समस्या

Are you also troubled by fatty liver? So include these panacea things in your diet… also do these things daily, then you will never have liver problems.

लिवर की बीमारी आजकल घर घर में देखने को मिल रही है जो एक बहुत बड़ी चिंता का विषय है। पर अगर यह शुरूआती दौर में है तो इसे लगभग पूरी तरीके से ठीक किया जा सकता है अगर हम सही अप्रोच के साथ खान पान और नित्य दिनचर्या में सुधार कर लें । और अगर किसी को सीरियस लिवर की बीमारी है तो भी वे अपने डेली रूटीन और खान पान पर ध्यान देने के साथ इन कुछ खास चीजों पर ध्यान दें तो इसे भी नियंत्रित किया जा सकता है।

फैटी लीवर क्या है और और इसके लक्षण क्या होते हैं

जब हमारे लीवर में अतिरिक्त वसा जमा हो जाती है तो इसे फैटी लीवर कहा जाता है । जो स्वस्थ लीवर होते हैं उसमें थोड़ी मात्रा में वसा होती है। वैसे ज्यादातर फैटी लिवर वाले व्यक्तियों में कोई लक्षण नहीं दिखाई देते हैं, लेकिन कुछ वयक्ति को लिवर बढ़ने के कारण पेट के दाहिनी ओर दर्द का अहसास हो सकता है। किसी किसी में ये सामान्य लक्षण जैसे कि थकान, जी मिचलाना और भूख न लगना आदि दिखाई देते हैं। पर अगर एक बार लिवर कि गंभीर बीमारी सिरोसिस आदि विकसित हो जाये तब त्वचा भी पीली पड़ जाती है जिसे  पीलिया कहते हैं, और पेट में पानी भर जाता है साथ ही खून की उल्टी भी होने कि आशंका बनी रहती है। ब्लड टेस्ट और अल्ट्रासाउंड स्कैन से फैटी लिवर का पता लगाया जाता है। जब लिवर का रक्त जाँच सामान्य न निकले तो डॉक्टर इसके बाद अल्ट्रसाउंड करवाने को कहते हैं। कुछ नए परीक्षण “फाइब्रोस्कैन और “फाइब्रोटेस्ट भी सज्ज़ेस्ट किये जाते हैं जो अधिक विश्वसनीय होते हैं।

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फैटी लिवर होता क्यों है

शराब ज्यादा पीना इसका सबसे आम कारण है, लेकिन शराब के अलावा इसके दूसरे कारण भी होते हैं जैसे कि डायबिटीज होना, ज्यादा मोटापा होना ,खून में फैट का बढ़ना,कोलेस्ट्रॉल का हाई होना, मेटाबॉलिज्म कम होना और जरुरत से ज्यादा तली हुयी या वसा वाली चीजें खाना आदि । और अगर किसी के माता पिता या नाना नानी या फिर दादा दादी  में से किसी को लिवर या किडनी से जुड़ी कोई बीमारी रही हो तो भी उन्हें फैटी लीवर होने की संभावनाएँ ज्यादा होती हैं।

फैटी लिवर मुख्यतः दो प्रकार के होते हैं

एल्कोहॉलिक फैटी लिवर : यह अल्कोहल यानी कि शराब ज्यादा पीने से होता है जिससे लिवर में फैट जमने लगता है और लिवर में सूजन आ जाती है।

नॉन एल्कोहलिक फैटी लिवर : नॉन-एल्कोहॉलिक फैटी लिवर सामान्यतः सही खान-पान और दिनचर्या ठीक न होने की वजह से होता है। जब व्यक्ति ज्यादा तला हुआ खाना खाना खाता है या फिर ज्यादातर बाहर का खाना खाता हो तो होता है।

 

फैटी लिवर का इलाज

वर्तमान में, फैटी लिवर के इलाज के लिए पूर्णरूप से कोई दवा नहीं है। प्रारंभिक फैटी लिवर को आमतौर पर खान पान और दिनचर्या में सुधार करके, वजन घटा कर , व्यायाम से और मधुमेह जैसे खतरे के कारकों के नियंत्रित करके इसे आसानी से पहले वाले रूप (रिवर्स ) में लाया जा सकता है । लिवर की क्षति ज्यादा गंभीर होने से  सिरोसिस हो सकती है और इस स्तर पर केवल लिवर प्रत्यारोपण से रोगी को बचाया जा सकता है। मोटे लोग जिन्हे फैटी लिवर भी है,उन्हें सबसे पहले अपना वजन कम करना चाहिए ताकि इसे नियंत्रित करना आसान हो सके।

 

फैटी लिवर होने से कैसे बचें या इस रोग को कैसे (रिवर्स) करें

वजन कम करके अपना वजन मैनेज करें। रोज कम से कम 30 मिनट व्यायाम करें या वाकिंग जरूर करें । भोजन में तेल की मात्रा कम करें। ज्यादा कार्बोहाइड्रेट वाले खाद्य पदार्थ जैसे सफेद चावल, आलू, सफेद ब्रेड और कोल्ड्रिंक या डिब्बाबंद चीजें को सेवन करने से बचें । ये हमारी आंतों से जल्दी से अवशोषित हो जाते हैं और लिवर फैट में में बदल जाते हैं। वैसे खाद्य पदार्थ जो धीरे-धीरे अवशोषित हो जाते हैं, जैसे कि मोटे अनाज, दालें, नट्स, सेब ,संतरे और दूसरे फाइबर वाले साग सब्जिया तथा फल फायदेमंद होते हैं, और ऐसे खाद्य पदार्थ को ही अपने डेली रूटीन में खाने में शामिल करें। खुद को हाइड्रेट रखें क्यों कि पानी शरीर से जहरीले पदार्थों को निकालने का काम भी करता है। फ्रुक्टोज से भरपूर पैक्ड जूस और कार्बोनेटेड पेय पीने से बचें। कोई भी मेडिसिन खुद से न लें , इसके लिए हमेशा अपने डॉक्टर से बात करें। निरंतर  स्वास्थ्य जांच करवाएं । समय समय पर अपने लिवर एंजाइम, ब्लड शुगर और कोलेस्ट्रॉल के स्तर की जाँच करें। अगर आपको उच्च रक्तचाप और मधुमेह है, तो इसका इलाज ठीक से करवाएं ।आप शराब का सेवन पूरी तरह से बंद कर दें । इस तरह से फैटी लिवर से बचा जा सकता है या कण्ट्रोल किया जा सकता है।

 

फैटी लीवर के लिए या फिर लिवर को स्वस्थ रखने के लिए अपने भोजन में इन फलों को जरूर शामिल करें

आवश्यक विटामिन और खनिजों से भरपूर, फैटी लीवर के लिए इन फलों को खाने से कई फायदे होते हैं। इन फलों में एंटीऑक्सिडेंट और फाइबर भी होते हैं जो सूजन को कम करने और लिवर को स्वस्थ बनाये रखने में मदद करता है।

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अंगूर

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक अध्ययन के अनुसार, अंगूर नारिंगिन और नारिनजेनिन जैसे एंटीऑक्सिडेंट को बढ़ाता है और ये  सूजन और बैक्टीरिया से लीवर को बचाता है। यह फल फैटी लीवर के कारण लीवर में जो नुकसान होता है उसे  ठीक करने में भी मदद करता है ।

 

 

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सेब

प्रतिदिन एक सेब का सेवन लीवर की समस्याओं को दूर रखता है। सेब से लीवर की चर्बी कम होती है और इससे पाचन भी सुधरता है। जर्नल एनिमल्स में प्रकाशित इस अध्ययन में कहा गया है कि सेब में मौजूद पॉलीफेनोल्स वसा के जमाव को कम करता है।

 

 

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बेरीज

शहतूत, स्ट्रॉबेरी और ब्लैकबेरी एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं, जो लीवर को स्वस्थ्य बनाए रखता है। यदि हम इनका नियमित सेवन करते हैं तो इससे ऑक्सीडेटिव तनाव कम होता है जिससे रक्तचाप और कोलेस्ट्रॉल को संतुलित किया जा सकता है। इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट से फैटी लिवर में सुधार तो होता है और लिवर बिल्कुल स्वस्थ रहता है।

ब्लू बेरीज

ब्लूबेरी एंटीऑक्सीडेंट का एक पावरहाउस है। ये एंटीऑक्सीडेंट लीवर में सूजन और ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

 

पपीता

विटामिन और एंजाइम से भरपूर पपीता हृदय, पाचन और इम्युनिटी को स्वस्थ बनाने लिए अच्छा है।  यह लीवर को डिटॉक्स करने वाला फल है।  वर्ल्ड जर्नल ऑफ हेपेटोलॉजी में प्रकाशित एक अध्ययन में बताया गया है कि पपीता नॉन अल्कोहलिक फैटी लीवर रोग में सुधार करने में मदद करता है।

 

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काला चना

काला चना भी फैटी लिवर में बहुत फायदे मंद होता हैं। इससे पाचन में भी सुधार होता है। इसमें फाइबर और कार्बोहायड्रेट होता है, जो धीरे-धीरे पचता है। इससे शरीर में इंसुलिन की सक्रियता बढ़ती है, जिससे टाइप 2 डायबिटीज का खतरा भी कम होता है। इसे छिलके के साथ ही खाना चाहिए क्यों कि इसके छिलके में भरपूर फाइबर होते हैं। इसमें प्रोटीन, विटामिन, आयरन, कैल्शियम, फाइबर, पोटेशियम, मैग्नीशियम और फॉस्फोरस जैसे बहुत सारे पोषक तत्व होते हैं। इसमें जो पोटेशियम और एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं जो ब्लड प्रेशर को कंट्रोल तथा कोलेस्ट्रॉल को भी कम करने में मदद करता है जिससे हार्ट अटेक और स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा कम हो जाता है । साथ ही इसमें पाए जाने वाले एंटीऑक्सीडेंट से फैटी लिवर में सुधार तो होता ही है साथ जिन्हें फैटी लिवर नहीं है उनका लिवर बिल्कुल स्वस्थ रहता है ।

 

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रंगीन सब्जियां

रंगीन सब्जिया फैटी लिवर के लिए काफी अच्छा माने जाता है। इसीलिए फैटी लिवर वाले को इसे जरूर खाना चाहिए।  इसमें सभी जरुरी चीजें होती है जो फैटी लिवर को ठीक करने के लिए जरुरी होता है।इनमें एंटीऑक्सीडेंट्स की मात्रा ज्यादा होती है और ये हमारे शरीर से फ्री रेडिकल्स यानि वैसे केमिकल जो शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं, उन्हें शरीर से बाहर निकालने का काम करते हैं और हमारे लिवर को हेल्दी रखते हैं। और यह फैटी लीवर में हुए सूजन को भी कम करता है।

 

 

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कॉफी

यह लिवर के फैट को डेटॉक्स या यों कहले की  लिवर को साफ़ करने का काम करता है।  ऐसा माना जाता है कि दिन में 3 या 4 कप कॉफी पीने से टाइप 2 मधुमेह से पीड़ित होने की संभावना 25% कम हो जाती है। कॉफी में एंटीऑक्सीडेंट होते हैं जो सूजन को कम करने में मदद करते हैं । सूजन की वजह से फैटी लिवर की समस्या ज्यादा ट्रिगर हो जाती है। बहुत ज्यादा कॉफी पीना नुकसानदायक हो सकता है। पर हम इसे संतुलित मात्रा में सही तरीके से लें तो इससे लिवर को फायदे होते हैं। फैटी लिवर में लिवर एंजाइम का स्तर बढ़ सकता है पर कॉफी के नियमित सेवन से लिवर एंजाइम का स्तर कम हो जाता है । यह लिवर में फैट इकट्ठा होने के प्रोसेस को भी कम करने में मदद करता है। इंसुलिन प्रतिरोध (रेजिस्टेंस) फैटी लिवर का एक प्रमुख कारण है पर कॉफी इंसुलिन संवेदनशीलता में सुधार करती है, जिससे शरीर में ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद मिलती है। इसलिए फैटी लिवर में यह बहुत महत्वपूर्ण चीज है।

 

 

 

 

BY: MADHU KUMARI Delhi School Of Journalism (University of Delhi)
BY: MADHU KUMARI Delhi School Of Journalism (University of Delhi)