हाइपोथायरायडिज्म
हाइपोथायरायडिज्म या अंडरएक्टिव थायरॉयड तब होता है जब हमारे शरीर के थायरॉयड ग्रंथि पर्याप्त थायरॉयड हार्मोन नहीं बनाती है। पर्याप्त थायराइड हार्मोन के बिना हमारे शरीर के अधिकतर कार्य धीमे हो जाती है । थायरॉयड गर्दन में एक छोटे से आकार की ग्रंथि होती है। यह शरीर के लगभग हर अंग को प्रभावित करते हैं, यहाँ तक कि दिल की धड़कन भी प्रभावित होती है ।
हाइपोथायरायडिज्म के कई लक्षण हैं
थकान महसूस होना , वजन बढ़ना, ठंड बर्दाश्त नहीं हो पाना, जोड़ों और मांसपेशियों में दर्द रहना, स्किन सूखी हो जाना और बाल भी पतले और सूखे से हो जाना, मासिक धर्म अनियमित हो जाना और ज्यादा होना साथ ही प्रजनन संबंधी समस्याएं हो जाना , हृदय गति धीमी हो जाना और एंग्जायटी यानि अवसाद हो जाना।
यदि आप भी इस समस्या से ग्रसित हैं , तो इसे मैनेज करने के लिए डाइटिशियन डॉक्टर मनप्रीत कालरा ने कुछ ख़ास सुझाव दिए हैं जिसे अपना कर आप बॉडी के सामान्य इंफ्लमैशन को मैनेज कर सकते हैं । (फोटो साभार: इंस्टाग्राम @dietitian_manpreet)
आइये जानते हैं थायरॉइड के ठीक से कार्य करने लिए डॉक्टर मनप्रीत कालरा के बताए पोषक तत्व से भरपूर सलाद के बारे में जिसे अपनी रूटीन में शामिल करके इस सलाद को एन्जॉय कर सकते हैं
इंग्रेडिएंट्स : चुकंदर 1/2 कप , गाजर 1कप, खीरा 1कप,अनार 1/२ कप , काला चना 1कप, पम्पकीन सीड 1 tbsp, और सनफ्लावर सीड 1 tbsp
स्वाद के लिए इंग्रेडिएंट्स : ओलिव आयल – 1 tbsp, आयोडीन नमक- 1/4 tsp , काली मिर्च – 1/4 tsp, निम्बू – 1/2
सलाद बनाने के तरीके : चुकंदर, खीरा, अनार, काला चना, पम्पकीन सीड और सनफ्लावर सीड इन सभी इंग्रेडिएंट्स को बारीक़ बारीक़ काट लें और इसे अच्छी तरह मिक्स कर लें। और इसमें स्वाद के लिए ओलिव आयल, आयोडीन नमक, काली मिर्च, निम्बू को मिला लें। अब यह सलाद तैयार है और अब इस सलाद को खाएं और इसका आनंद लें क्यों कि यह स्वाद में भी बहुत लाजवाब होता है।
समर फ्रेंडली थायरॉयड सलाद
इनइंग्रेडिएंट्स का लाभ
गाजर में विटामिन A होता है जो थायरॉयड हॉर्मोन मेटाबोलिज्म को रेगुलेट करता है और ओवरआल थायरॉयड हेल्थ सपोर्ट करता है।
चुकंदर : आयरन -रिच होता है जो इंफ्लमैशन को कम करता है थायरॉयड फंक्शन को सपोर्ट करता है।
काला चना : इसमें आयरन और प्रोटीन बहुत हाई होता है जो मेटाबोलिज्म और थायरॉयड हॉर्मोन प्रोडक्शन को रेगुलेट करता है।
पम्पकिन सीड्स : इसमें ज़िंक बहुत होते हैं जो थायरॉयड हॉर्मोन के लिए बहुत जरुरी तत्व होता है। ज़िंक के ठीक से कार्य करने में मदद करता है।
सनफ्लावर सीड्स : सेलेनियम रिच होता है , थायरॉयड को ऑक्सीडेटिव डैमेज होने से रोकता है और इसे ठीक से फंक्शन करने में सहायता करता है।
खीरा : इसमें एंटीऑक्सीडेंट और विटामिनस होते हैं जो ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करता है और थायरॉयड हेल्थ को सपोर्ट करता है।
आयोडीन नमक : हायपोथाइरोइड मैनेजमेंट के लिए यह बहुत ही एसेंशियल होता है ।
काली मिर्च : इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं जो इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं और मेटाबॉलिज्म को तेज करती है। इस तरह यह थायराइड ग्रंथि को नियंत्रित करने में मदद करती है।
निम्बू : विटामिन सी से भरपूर यह प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करता है और थायराइड हार्मोन के उत्पादन को बढ़ावा देने में मदद करते हैं।
ऑलिव ऑयल : इसमें मौजूद ओलियोकैंथोल एक शक्तिशाली प्राकृतिक एंटीऑक्सीडेंटयौगिक की तरह काम करता है जो इन्फ्लेमेशन को कम करता है और इसमें मौजूद पालीफेनोल, विटामिन ई और सायटोस्टेरोल कोशिकाओं को नष्ट होने से बचाते हैं। पालीफेनोल शरीर के ब्लड प्रेशर को नियंत्रित रखने में मदद करता है। यह सेरोटोनिन का स्तर बढ़ाती है जिससे डिप्रेशन में लड़ने में मदद होता है।
यह भी पढ़ें
महिलाओं में मेनोपॉज के लक्षणों को कम करने में बहुत कारगर हैं ये 6 नेचुरल रेमेडीज ।
