लाहौल घाटी में सेब तुडान का हुआ आगाज

Apple harvesting begins in Lahaul Valley

लाहौल घाटी धीरे धीरे सेब उत्पादक के तौर पर अपनी पहचान बनाता जा रहा है। जलवायु में आ रहें परिवर्तन के चलते घाटी के करीब 33 पंचायतों के किसानं सेब व विभिन्न फलों की खेती कर रहें है । जिसके अन्र्तगत करीब 1166 हेक्टयर भूमि को सेब व अन्य किस्म के फलों के अन्र्तगत लाया गया है । जो साल दर साल बढता चला जा रहा है। इसमें उदयान विभाग द्वारा किसानों को वितरीत की जा रही अच्छी किस्म के पौधों का योगदान रहा है।
उदयान विभाग लाहौल-स्पिति की मानें तो लाहौल घाटी में करीब 1166 हेक्टयर भूमि को सेब व फलों के उत्पादन के अन्तर्गत लाया गया है। जिसमें घाटी के 32 पंचायतों के करीब 2522 बागवान सेब की खेती में जुटे है जिनमें से 128 प्रोग्रेसिव बागवान के अन्तर्गत आते है।
वहीं विभाग द्वारा इस वर्ष करीब 840 मीट्रिक टन सेब का उत्पादन होने का अनुमान लगाया गया है। लाहौल घाटी में जलवायु और ऊंचाई के आधार पर सेब के विभिन्न किस्मों को लगाया गया है जिनमें गोल्डन और राॅयल जैसे किस्में घाटी में बेहतर प्रर्दशन कर रहें है।
हालांकि इस बर्ष घाटी के बागवान अपने फसल के उत्पादन और दाम को लेकर काफी निराश नजर आ रहे हैं। अत्यधिक गर्मी, ड्रोपिंग और अन्य समस्याओं के चलते पेड़ पर कम ही सेब नजर आ रहे हैंl
स्थानीय बागवान नोरबू पांस ने बताया कि इस साल सेब की पैदावार अच्छी नहीं हुई है। कीमत भी कम मिल रहा है। इसकी मुख्य वजह में से जलवायु परिवर्तन भी माना जा रहा है।

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