सोलन: राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला (बॉयज) सोलन में आज ‘एंटी चिट्टा कैंपेन’ के तहत नशामुक्ति जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की जानकारी देते हुए जिला स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. अमित रंजन ने बताया कि इस अभियान का उद्देश्य छात्रों को नशे के खतरों से अवगत कराना और उन्हें सकारात्मक जीवनशैली अपनाने के लिए प्रेरित करना है।डॉ. रंजन ने स्वयं विद्यालय पहुंचकर छात्रों को समझाया कि नशा अक्सर स्मोकिंग या शराब जैसी चीजों से शुरू होता है। शुरुआत में होने वाला हल्का नशा धीरे-धीरे मस्तिष्क को प्रभावित करता है और शरीर में ‘टॉलरेंस’ बढ़ने लगती है। इसके बाद व्यक्ति नशे की मात्रा बढ़ाता है और अंततः ‘चिट्टा’ जैसे घातक ड्रग्स की गिरफ्त में आ सकता है। उन्होंने बताया कि नशे की प्रक्रिया क्रेविंग, टॉलरेंस और विड्रॉल सिम्पटम्स के माध्यम से व्यक्ति को मानसिक और शारीरिक रूप से तोड़ देती है।कार्यक्रम में छात्रों को आगाह किया गया कि नशा छोड़ना जितना कठिन है, उससे भी अधिक कठिन है रिलैप्स से बचना, क्योंकि दोबारा नशे की ओर लौटने की संभावना बहुत अधिक रहती है। इस स्थिति में परिवार और समाज का समर्थन अत्यंत जरूरी है।अंत में डॉ. रंजन ने छात्रों को संदेश दिया कि वे पढ़ाई और खेलकूद में मन लगाएं तथा अपनी ऊर्जा सकारात्मक गतिविधियों में लगाकर नशे से दूर रहें।