HRTC का एक और नया कदम, अब ऑनलाइन होंगी सभी वर्कशॉप
एचआरटीसी एक के बाद एक नए कदम बढ़ाता जा रहा है। इसी कड़ी में अब एचआरटीसी प्रदेश की सभी वर्कशॉप का कम्प्यूटरीकरण (ऑनलाइन) करने जा रहा है। प्राथमिक चरण में प्रबंधन द्वारा जसूर व तारादेवी की वर्कशॉप को ऑनलाइन किया जा रहा है।
शिमला (राजेश): एचआरटीसी एक के बाद एक नए कदम बढ़ाता जा रहा है। इसी कड़ी में अब एचआरटीसी प्रदेश की सभी वर्कशॉप का कम्प्यूटरीकरण (ऑनलाइन) करने जा रहा है। प्राथमिक चरण में प्रबंधन द्वारा जसूर व तारादेवी की वर्कशॉप को ऑनलाइन किया जा रहा है। वर्कशाॅप का कम्प्यूटरीकरण के बाद वर्कशॉप में उपलब्ध सभी तरह के उपकरणों का पूरा रिकॉर्ड रहेगा। वर्कशॉप के ऑनलाइन होने के बाद किस वर्कशॉप में कितना सामान उपलब्ध है और कहां-कहां उपकरणों की कमी है, यह सारी जानकारी ऑनलाइन उपलब्ध रहेगी। इसके लिए निगम प्रबंधन ने पूरी तैयारी कर ली है और सॉफ्टवेयर तैयार कर दिया गया है।हिमाचल में जब से एचआरटीसी का गठन हुआ है उसके बाद पहली बार निगम के प्रबंध निदेशक के निर्देशन में वर्कशॉप को कम्प्यूटरीकरण किया जा रहा है। इस कम्प्यूटरीकरण से निगम प्रबंधन वर्कशॉप में होने वाले कार्य की पूरी नजर निगम प्रबंधन के पास रहेगी।
निगम की वर्कशॉप के ऑनलाइन होने के बाद निगम को लाभ होगा। इससे निगम को यह जानकारी रहेगी कि किस यूनिट की वर्कशॉप में कौन-कौन से कलपुर्जे और कितने टायर हैं तथा कितने अन्य उपकरण हैं। ऐसे में यदि एक यूनिट मेें कोई सामान खत्म हो जाता है और दूसरे यूनिट में कलपुर्जे अधिक हैं तो एक यूनिट से दूसरी यूनिट में आसानी से भेज सकेंगे और इससे जल्द से जल्द बसों की रिपेयर हो सकेगी। वहीं यह भी जानकारी होगी कि कौन-सी बस में कौन-सा पुर्जा बार-बार खराब हो रहा है। इसके अलावा यह भी पूरी जानकारी रहेगी कि निगम की वर्कशॉप में किस सामान की कमी है। रिकाॅर्ड होने पर निगम प्रबंधन द्वारा खत्म होने वाले सामान की समय पर खरीद भी की जा सकेगी।
मौजूदा समय में पूरा रिकाॅर्ड है मैनुअल
मौजूदा समय में अभी तक वर्कशाॅपों में सारा रिकाॅर्ड मैनुअल रखा जाता है, ऐसे में एक वर्कशॉप में कितना सामान उपलब्ध है, कहां सामान कितना ज्यादा है और कहां पर सामान खत्म है, इस बाबत जानकारी लेने के लिए वर्कशॉप में दूरभाष पर संपर्क करना पड़ता है लेकिन वर्कशॉप के ऑनलाइन होने के बाद निगम प्रबंधन की मुख्यालय से ही सभी वर्कशॉप में उपलब्ध सामान पर नजर रहेगी।
यूनिटों में रैंकिंग सिस्टम, 2 माह में हो रही रैंकिंग
एचआरटीसी वर्कशॉप के साथ यूनिटों को भी सुदृढ़ कर रहा है। इसलिए निगम रैंकिंग सिस्टम अपना रहा है। बेहतर काम करने वाली यूनिटों की रैंकिंग निगम तय करेगा। यह रैंकिंग 2 माह में की जाएगी।