मंडी शहर का एक ऐसा इलाका जहां पीलिया का झाड़ा लगाया जाता है। चिकित्सा विज्ञान के इस युग में आज भी ऐसे बहुत से लोग हैं, जिनका विश्वास है कि झाड़ फूक से भी पीलिया का मर्ज ठीक हो सकता है। छोटी काशी में भूतनाथ बाजार से नीचे खड़ा बाजार पड़ता है, यहीं पर हांडा परिवार रहता है और मंत्रोच्चारण से झाड़ा लगाकर पीलिया का उपचार करता है।
इन दिनों बरसात के मौसम में जलजनित कारणों से मंडी शहर और आसपास क्षेत्र में पीलिया के मरीज बढ़ गए हैं। अस्पताल में उपचार करवाने के साथ ही मरीज झाड़ फूक भी करवा रहे हैं। सुबह 6-7 बजे से ही हांडा परिवार के आवास के बाहर मरीज पहुंचना शुरु हो जाते हैं और तब तक अपनी जगह से नहीं हिलते जब तक मंत्रोच्चारण से झाड़ा नहीं लगा दिया जाता है।
हांडा परिवार बिना किसी शुल्क वसूले झाड़ फूक से पीलिया के मरीजों का उपचार करता है। बुधप्रकाश हांडा उनके भाई सूरज हांडा और भतीजे दिव्य हांडा पीलिया रोग निवारण के लिए झाड़ा लगाते हैं। हालांकि वे मरीजों को सलाह देते हैं कि अस्पताल से उपचार करवाना भी जरुरी है। सूरज हांडा के मुताबिक उनके पुरखों को किसी विद्वन संत ने पीलिया झाड़ने का मंत्र दिया था, तब से उनका परिवार पीढ़ी दर पीढ़ी इस सेवा में लगा हुआ है। दिव्य हांडा के मुताबिक झाड़ा लगाना, यह पूजा से जुड़ा है और झाड़ा लगाने वाले के लिए शुद्धता बहुत जरूरी है।