BPSC Pass Teacher Salary: कनाडा’ में जॉब का ऑफर छोड़ बनीं टीचर तो पुलिस का डंडा छोड़ बच्चों को पढ़ाने के लिए बने मास्टर साहब
बिहार ने सवा 2 लाख शिक्षकों को नौकरी देकर नया रिकॉर्ड बनाया है। इनमें से कई युवा ऐसे है, जिन्होंने विदेश में नौकरी का ऑफर छोड़ कर अपने राज्य में टीचर बनना पसंद किया। वहीं शिक्षक बनने वालों में केबीसी में पांच करोड़ जीतने वाले युवा और पुलिस समेत अन्य अन्य सरकारी नौकरियों को छोड़ कर शिक्षक बनने वाले कई युवा भी शामिल हैं।
हाइलाइट्स
- केबीसी विनर सुशील कुमार भी बने टीचर
- यूपी पुलिस की नौकरी छोड़ कर शिक्षक बने
- आईटी कंपनी की नौकरी छोड़ कर बनीं शिक्षक
- दिल्ली यूनिवर्सिटी से संस्कृत में नेट कर बच्चों को पढ़ाएंगे
आईटी कंपनी की नौकरी छोड़ कर बनीं शिक्षक
बीपीएससी शिक्षक भर्ती 2.0 में सफल 96823 अभ्यर्थियों में शनिवार को नियुक्ति पत्र दिया गया। टीचर पद को लेकर यंगस्टर्स में क्रेज देखा गया। वैशाली की सोनल अग्रवाल का चयन भी मध्य विद्यालय के लिए हुआ। सोनल अभी भुनेश्वर स्थित आईटी कंपनी में रिसर्च एंड डेवलपमेंट टीम में इलेक्ट्रॉनिक चिप डिजाइन करने का काम करती थीं। कंपनी उन्हें कनाडा भेज रही थी। दिल्ली विश्वविद्यालय में एमए और 2019-2020 में संस्कृत से नेट पास करने वाली वैशाली की सोनल ने विदेश में जॉब का ऑफर छोड़ कर अपने राज्य में टीचर की नौकरी करने का फैसला लिया।
दिल्ली यूनिवर्सिटी से संस्कृत में नेट कर बच्चों को पढ़ाएंगे
सोनल की तरह ही वैशाली के ही सत्य प्रकाश किशन ने दिल्ली विश्वविद्यालय से एमए और 2019-2000 में संस्कृत में नेट पास की। अब सत्य प्रकाश भी उच्च माध्यमिक स्कूल में पढ़ाएंगे। सत्य प्रकाश जैसे प्रतिभावान युवाओं के टीचर बनने से सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को बेहतर शिक्षा मिलेगी।
यूपी पुलिस की नौकरी छोड़ कर शिक्षक बने
उत्तर प्रदेश पुलिस में सेवा दे रहे मुजफ्फरपुर के विक्की कुमार ने भी पुलिस का डंडा छोड़ कर स्कूल में बच्चों को पढ़ाने के लिए अब छड़ी हाथ में थामने का फैसला लिया है। पुलिस की नौकरी छोड़ कर शिक्षक बनने वाले विक्की कुमार अब अपने ही राज्य में बच्चों को पढ़ाने की जिम्मेदारी मिलने से काफी खुश है। इसके अलावा जिला शिक्षा पदाधिकारी कार्यालय में सहायक बक्सर के उमेश कुमार ने भी गुरुजी बनने को प्राथमिकता दी
केबीसी विनर सुशील कुमार भी बने टीचर
‘कौन बनेगा करोड़पति’ के विनर सुशील कुमार भी शिक्षक बनने का फैसला लिया। वर्ष 2011 में पांच करोड़ रुपये जीतने वाले पूर्वी चंपारण के सुजीत कुमार को भी गांधी मैदान के मुख्य समारोह में नियुक्ति पत्र दिया गया। सुशील ने बताया कि बी.एड. की पढ़ाई 2014 में पूरी करने के बाद पिछले साल एसटीईटी उत्तीर्ण किया। उनका चयन मध्य माध्यमिक विद्यालय में मनोविज्ञान विषय के लिए किया गया।