ईश्वर नाम के स्मरण मात्र से कट जाते है सभी पाप दोष : आर्चाय विनोद आंनद कैशव

All sins and faults can be removed just by remembering the name of God: Archay Vinod Anand Kaishav

कलियुग मे ईश्वर के स्मरण मात्र से हमारे सभी पाप दोष कट जाते है ओर ईश्वर भक्ति ही मोक्ष की कुज्जी है यह प्रवचन आचार्य विनोद कैशव ने राजगढ़ के आंनद का बाग मे श्री भागवत कथा के प्रथम दिवस भक्तो को दिये इस धार्मिक आयोजन का शुभारंभ क्लश यात्रा व पुराण स्वागत व पुराण स्थापना के साथ हुआ कैशव ने कहा कि जिस घर मे नियमित तौर पर पूजा पाठ होता है वह घर मंदिर के समान बन जाता है उन्होने कहा कि संतो के सानिध्य व कथा श्रवण से हमारा जीवन सुधर जाता है और परमात्मा की प्राप्ति होती है उन्होने कहा कि माता पिता की सेवा से भी ईश्वर को प्राप्त किया जा सकता है आज मगर कष्ट के साथ पाली गयी औलाद भी अपने माता पिता को दुत्कार कर वृद्व आश्रम भेजने मे पीछे नही रहती और यह भारत की सनातन सभ्यता व स्मृद्व पारिवारिक पंरपरा पर एक बडा कंलक है आज हमारा समाज पाश्चात्य संभ्यता की और जा रहा है और अपनी अमूल्य संभ्यता व संस्कृति को भूलता जा रहा है गौ माता की महिमा का वर्णन करते हुये कैशव का कहना था कि गौ माता के रोम रोम मे देवता का वास है लेकिन आज हमे गाय जब तक दूध देती है तब तक हम उसकी सेवा करते है और जब दूध देना बंद कर देती है तो सडको पर उसे भूखा मरने के लिए छोड देते है कैशव का कहना था कि हमे कभी भी अभिमान नही करना चाहिये और जितना हो सके मानव सेवा के लिए आगे आना चाहिये उनका कहना था कि काम ,क्रोध ल लोभ हमारे महा शत्रु है और लोभ हम से बडे से बडा पाप करवा देता है उनका कहना था सुदाम व कृष्ण की मित्रता हमे सिखाती है कि जिसके पास प्रेम का धन है वह कभी निर्धन नही हो सकता राजा हो या रंक मित्रता मे सभी एक समान है कैशव ने कहा कि सभी धर्मों का मूल वेद है वेदो मे जिस धर्म का निरुपण किया गया है भगवान राम ने उसके स्वरुप को अपने चरित्र से सिद्व करके दिखाया है हमे अपना जीवन कैसे बिताना चाहिये यह शिक्षा हमे राम चरित मानस से मिलती है चरित्र का वर्णन करते हुये उन्होंने कहा कि हमे मर्यादित रह कर सत्य का आचरण करते हुये जीवन जीना चाहिये ।