ओझ घाट क्षेत्र के किसानों का सब्र अब जवाब दे रहा है। बीते तीन वर्षों से बंद पड़े कृषि विभाग के कार्यालय को खोलने की मांग लगातार उठाई जा रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया। इस मुद्दे पर ओझ घाट की प्रधान पूनम ने प्रशासन और मंत्रियों की कार्यशैली पर तीखा सवाल उठाया है।प्रधान पूनम ने कहा कि वह यह मामला कई बार कृषि मंत्री, स्वास्थ्य मंत्री और अन्य अधिकारियों के समक्ष उठा चुकी हैं, लेकिन हर बार उन्हें सिर्फ आश्वासन ही मिला है। नतीजतन, किसानों को बीज और खाद के लिए इधर-उधर भटकना पड़ रहा है। उन्होंने बताया कि इस कार्यालय की अनुपस्थिति से क्षेत्र की छह पंचायतों के हजारों किसान बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।जनमंच जैसे मंचों पर भी यह मांग उठाई गई, लेकिन वहां भी केवल कोरे वादों के अलावा कुछ नहीं मिला। पूनम ने कहा, “प्रशासन सिर्फ सुनता है, करता कुछ नहीं। किसान मर जाए, इन्हें फर्क नहीं पड़ता।बाइट पूनम इधर, नौणी पंचायत के प्रधान मदन हिमाचली ने भी इस मुद्दे पर तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने बताया कि हाल ही में कृषि मंत्री उनके क्षेत्र से गुजरे थे, और उस वक्त भी कार्यालय खोलने की मांग रखी गई थी। लेकिन उन्हें भी सिर्फ आश्वासन मिले है। लेकिन यह कार्यालय खुलेगा या नहीं इस बारे में कुछ स्पष्ट कहा नहीं जा सकता है बाइट प्रधान मदन हिमाचली