नौणी विश्वविद्यालय में पीपीपी मोड के तहत एग्री इन्क्यूबेशन सेंटर हुआ शुरू

Agri Incubation Center started under PPP mode in Nauni University

डॉ. यशवंत सिंह परमार औद्यानिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी ने खाद्य प्रसंस्करण पर केंद्रित एग्री इनक्यूबेशन एवं खाद्य प्रसंस्करण सेंटर  का उद्घाटन किया गया। इस केंद्र को सार्वजनिक-निजी भागीदारी (पीपीपी) पहल के तहत रोहड़ू स्थित हिमगिरी एग्री सॉल्यूशंस द्वारा संचालित किया जाएगा। ऑनलाइन कृषि शिक्षा, खाद्य प्रसंस्करण और कृषि उपज के मूल्यवर्धन के क्षेत्र में हिमगिरि अग्रणी कार्य कर रही है।

उद्घाटन समारोह के अवसर पर सभा को संबोधित करते हुए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर राजेश्वर सिंह चंदेल ने इस परियोजना को शुरू करने के लिए खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की सराहना की। उन्होंने कहा की इस पहल का उद्देश्य विश्वविद्यालय की सुविधाओं का प्रभावी ढंग से उपयोग करना, छात्र को प्रैक्टिकल अनुभव के अवसर और कृषि-उद्यमियों को समृद्ध करने के साथ-साथ मूल्यवान सेवाएं प्रदान करना है। उन्होंने बताया कि केंद्र का पूरा उपयोग करने के लिए विश्वविद्यालय ने फल प्रसंस्करण के क्षेत्र में अनुभव और आवश्यक लाइसेंस रखने वाले एक सक्षम भागीदार को केंद्र के संचालन को आउटसोर्स करने का निर्णय लिया।

प्रोफेसर चंदेल ने बताया कि इनक्यूबेशन सेंटर का प्रबंधन हिमगिरी एग्री सॉल्यूशंस द्वारा पीपीपी मोड पर किया जाएगा। हिमगिरि स्थानीय उत्पादकों से प्राप्त विभिन्न फलों और सब्जियों के मूल्य संवर्धन का कार्य इस केंद्र पर करेगा। इस साझेदारी के तहत, हिमगिरी विश्वविद्यालय को मासिक सहमत किराये शुल्क का भुगतान करेगी। साथ- साथ प्रायोगिक शिक्षण कार्यक्रम (ईएलपी), एमएससी और एमटेक के छात्रों, विभाग के वैज्ञानिकों को कमर्शियल स्केल पर अनुभव प्राप्त करने और विश्वविद्यालय में यहां विकसित नई प्रौद्योगिकियों का परीक्षण और स्केल करने का मौका देने के लिए प्रशिक्षण पर हैंड्स ऑन ट्रेनिंग के अवसर भी प्रदान करेगी।

हिमगिरी एग्री सॉल्यूशंस के निदेशक जीतू चौहान और जोगिंदर सिंह ने कृषि और बागवानी क्षेत्र में निजी क्षेत्र के साथ सहयोग के लिए विश्वविद्यालय का आभार व्यक्त किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि साझेदारी दो प्रमुख चुनौतियों का समाधान करेगी: छात्रों के लिए व्यावहारिक प्रशिक्षण के अवसर प्रदान करना और किसान-केंद्रित व्यवसायों को विश्वविद्यालय की सुविधाओं का उपयोग करने में सक्षम बनाना। उन्होंने इस बात पर भी प्रकाश डाला कि एग्री इनक्यूबेशन सेंटर इंटर्नशिप के अवसर प्रदान करेगा और विश्वविद्यालय के स्नातकों के व्यावहारिक कौशल को बढ़ाएगा।

फल विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. राकेश शर्मा ने कहा कि केंद्र विभिन्न फलों और सब्जियों के प्रसंस्करण के लिए कई प्रकार की मशीनों से सुसज्जित है। भवन का निर्माण मूल्य संवर्धन के लिए फल और सब्जी प्रसंस्करण पर ईएलपी के तहत भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) के सहयोग से किया गया था। अतिरिक्त उपकरण संस्थागत विकास योजना (आईडीपी) के माध्यम से खरीदे गए थे। डॉ. शर्मा ने आशा व्यक्त की कि यह साझेदारी खाद्य प्रसंस्करण में सर्टिफिकेट पाठ्यक्रमों शुरू करने की दिशा में भी कार्य  करेगी।

विश्वविद्यालय और हिमगिरी एग्री सॉल्यूशंस ने राज्य और समान भौगोलिक परिस्थितियों वाले अन्य क्षेत्रों में कृषि ज्ञान और प्रौद्योगिकियों को बढ़ाने पर सहयोग करने के लिए 2023 में एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर भी हस्ताक्षर किए थे। यह साझेदारी किसानों के लिए अनुसंधान, शिक्षा और कौशल वृद्धि, विशेष रूप से फल उत्पादन और जैविक और प्राकृतिक कृषि उपज से बने मूल्य वर्धित उत्पादों के निर्माण पर पर केंद्रित है।

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