13 साल बाद मां बिजाई के छाई पालकी का जागरण आयोजित, सिरमौर की अनूठी संस्कृति की दिखी झलक।

After 13 years, a vigil was organized for Maa Bijai's palanquin. A glimpse of the unique culture of Sirmaur.

सिरमौर के गिरीपार क्षेत्र की बडोल पंचायत की में आस्था का सैलाब उमड़ा दरअसल यहां बड़ोल गांव में करीब 13 साल बाद परंपरा अनुसार माँ बिजाई के छाई पालकी जागरण का आयोजन किया गया।इस विशाल जागरण के दौरान यहां सिरमौर जिला की समृद्ध संस्कृति की झलक भी देखने को मिली । ढोल नगाड़ों की धुनों पर मां बजाई को जागरण में जाने के लिए मंदिर से उतारा गया ओर अगले दिन फिर परंपरा अनुसार मा बिजाई की पालकी को दोबारा मंदिर में स्थापित किया गया

माँ बिजाई की पालकी को उठाने और इसकी सुरक्षा का जिम्मा विशेष लोगों द्वारा उठाया जाता है इस दौरान पूरा क्षेत्र में बिजाई के जयकारों से गूंज उठा वहीं पारंपारिक ढोल नगाड़े भी लोगों के आकर्षण का केंद्र बने रहे।आयोजक पांच गांव के लोगों द्वारा यहां पहुंचे हजारों लोगों के लिए रहने व खाने की विशेष रूप से व्यवस्था की जाती है ताकि उन्हें किसी भी तरीके की परेशानी ना उठाने पड़े।

स्थानीय लोग ने बताया कि 13 साल के बाद इस गांव में मां बिजाई के जागरण का आयोजन हुआ है उन्होंने बताया कि इस जागरण के लिए क्षेत्र के दर्जनों गांव के लोगों को आमंत्रण दिया गया था और बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाई लोगों ने बताया कि मां बिजाई से उनकी गहरी आस्था जुडी हुई है इसलिए सभी जागरण में सभी अपनी उपस्थिति दर्ज करवाना सुनिश्चित करते है।