Aditya L1 Mission Launch सूर्य की तरफ़ बढ़ा भारत: श्रीहरिकोटा से लॉन्च हुआ Aditya L1

चंद्रयान – 3 की सफ़लता के बाद भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (Indian Space Research Organisation) या ISRO ने शनिवार, 2 सितंबर को आदित्य एल1 लॉन्च (Aditya-L1 Launch) किया. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर (Satish Dhawan Space Centre, Sriharikota, Andhra Pradesh) से आदित्य एल1 को लॉन्च किया गया.

PSLV-C57 से किया गया लॉन्च

aditya L1 Launch YouTube

आदित्य एल1 को PSLV-C57 रॉकेट से लॉन्च किया गया. ISRO के मुताबिक आदित्य एल1 को पृथ्वी से 1.5 मिलियन किलोमीटर दूर सूर्य की तरफ़ भेजा जा रहा है. ISRO के पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (Polar Satellite Launch Vehicle) की ये 8वीं फ्लाइट है. इसमें सूर्य के अध्ययन के लिए सात अलग पेलोड्स हैं जिनके ज़रिए सूर्य के बाहरी सतह का अध्ययन किया जाएगा. सूर्य के बाहरी सतह को फ़ोटोस्फ़ेयर और क्रोमोस्फ़ेयर कहते हैं. चार पेलोड्स सूर्य से आने वाली किरणों का अध्ययन करेंगे और अन्य तीन पेलोड्स प्लाज़्मा और मैगनेटिक फ़ील्ड्स के इन-सिटू पैरामीटर्स को मेज़र करेंगे.

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक आदित्य एल1 को ये रॉकेट धरती के निचली कक्षा में छोड़ेगा. ये PSLV के सबसे लंबे मिशन्स में से एक है. लॉन्च के तकरीबन के 63 मिनट बाद आदित्य एल1 रॉकेट से अलग होगा.

ISRO के अनुसार आदित्य एल1 पृथ्वी और सूर्य के बीच की दूरी का तकरीबन 1 फीसदी ही है. आदित्य एल1 सूर्य पर लैंड नहीं करेगा और न ही ये सूर्य के और करीब जाने की कोशिश करेगा.

सूर्य को लेकर हमारी समझ बदल देगा आदित्य एल1 (Aditya L1 will change Our Understanding of The Sun?)

आदित्य एल1 मिशन में VELC (Visible Emission Line Coronagraph) नामक एक एडवांस्ड इंस्ट्रूमेंट लगाया गया है. इसे सूर्य कि इमेजिंग और स्पेक्ट्रोस्कोपी के लिए लगाया गया है, सोलर साइंस को लेकर हमारी समझ को हमेशा के लिए बदल देगा ये इंस्ट्रूमेंट. VELC सूर्य के कोरोना (Corona) पर फ़ोकस करेगा, ये लेयर सूर्य से 2100 किलोमीटर ऊपर शुरू होता है जिसका तापमान 500,000 डिग्री सेल्शियस तक जा सकता है. VELC का लक्ष्य है कोरोनल मास इजेकशन्स (Coronal Mass Ejections or CMEs) के ओरिजन का पता लगाना.

सूर्य के पास पहुंचने में लगेंगे चार महीने (When will Aditya L1 Mission reach the Sun?)

Aditya L1 MissionTwitter/ISRO

आदित्य एल1 को सूर्य के पास पहुंचने में तकरीबन चार महीने या 125 दिन लगेंगे. 3 जनवरी 2024 को ये सफ़र पूरा होने का अनुमान है. मिशन सफ़ल रहा तो इस तारीख़ को आदित्य एल1, लैंग्रेंजियन पॉइंट 1 (Langrangian Point 1) पहुंच जाएगा.

आदित्य एल1 मिशन का मकसद (Why India is Sending Aditya L1 to Sun?)

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आदित्य एल1 का वज़न 1480.7 किलोग्राम है. आदित्य एल1 मिशन का मकसद है सोलर कोरोना के फ़िज़िक्स (Physics of Solar Corona), हीटींग मेकैनिज़्म (Heating Mechanism), सोलर विंड एक्सलेरेश्न (Solar Wind Acceleration), कपलिंग ऐंड डायनामिक्स ऑफ़ सोलर एटमोस्फ़ेयर (Coupling and Dynamics of The Solar Atmosphere), सोलर विंड डिस्ट्रिब्यूशन (Solar Wind Distribution), तापमान की एनिस्ट्रोपी (Temperature Anistropy), कोरोनल मास इजेक्शन्स (Coronal Mass Ejections), फ्लेयर्स और पृथ्वी के पास के स्पेस के मौसम की स्टडी करना.

आदित्य एल1 मिशन बजट (Aditya L1 Mission Budget)

BBC की रिपोर्ट के मुताबिक भारत ने आदित्य एल1 मिशन को 2019 में हरी झंडी दिखाई थी. इस मिशन के लिए 4.6 करोड़ डॉलर बजट निहित किया गया था. ISRO ने अभी इस बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी है. आदित्य एल1 को ऐसे डिज़ाइन किया गया है कि ये पांच साल तक अंतरिक्ष में रह सकता है और अहम जानकारियां भेजेगा.