Adipurush फिल्म पर भड़के संत, बोले- टपोरी छाप भाषा का इस्तेमाल, आस्था से खिलवाड़

Adipurush Release: फिल्म आदिपुरुष फिल्म रिलीज के साथ ही विवादो में घिर गई है। विवाद का विषय है इस फिल्म में बोले जाने वाले डायलॉग और धार्मिक और पौराणिक चरित्रों का फिल्मांकन को लेकर है। फिल्म के डायलॉग को लेकर सोशल मीडिया पर खासा बवाल मचा हुआ है।

अभिषेक कुमार झा, वाराणसी:फिल्म आदि पुरुष (Adipurush Review) शुक्रवार थियेटर में रिलीज हो गई। फिल्म रिलीज के साथ ही भगवान राम पर बने इस फिल्म के बारे में लोग अपनी अलग-अलग राय भी दे रहे हैं। फिल्म का टीजर आते ही रावण का किरदार निभा रहे सैफ अली खान के चरित्र चित्रण पर भी लोगों ने सवाल उठाए थे। अब फिल्म रिलीज होने के बाद इस फिल्म के संवाद और पौराणिक और धार्मिक चरित्रों के चित्रण पर लोग सवाल उठा रहे हैं। वहीं इस फिल्म में इस्तेमाल किए गए संवाद पर अखिल भारतीय संत समिति ने अपनी गहरी नाराजगी जताई है।

‘धर्म का आधार मर्यादित भाषा और संस्कार’

सोशल मीडिया पर आदि पुरुष फिल्म से जुड़े डायलॉग और पौराणिक और धार्मिक चरित्रों की तस्वीरें और वीडियो तेजी से वायरल हो रहे हैं। अब लोग रामानंद सागर की रामायण से इस फिल्म की तुलना कर रहे हैं। इसी बीच अखिल भारतीय संत समिति के महामंत्री स्वामी जितेंद्रानंद से एनबीटी आनंद ऑनलाइन ने बातचीत की।

‘टपोरी छाप भाषा का इस्तेमाल’

स्वामी जितेंद्रानंद फिल्म के डायलॉग और धार्मिक और पौराणिक चरित्र के साथ हुए प्रयोग पर नाराजगी जतायी। उन्होंने कहा कि जिस तरह के संवाद सामने आ रहे हैं उसे देखकर लगता है कि बिल्कुल मुंबईया स्टाइल की टपोरी छाप भाषा का इस्तेमाल किया गया है। किसी भी धर्म का आधार मर्यादित भाषा और संस्कार होते हैं इस फिल्म में इन दोनों के साथ जमकर खिलवाड़ किया गया है। फिल्म निर्माताओं से इस तरह के भाषा के इस्तेमाल को उम्मीद नहीं थी।