गिरिखंड की दशकों पुरानी हाटी जनजातीय दर्जे पर विधान सभा चुनाव के दोरान खूब राजनीती हुई, केन्द्र से पारित बील राज्य की राजनितिक दावपेंच में फस गया, राजनितिक का शिकार हाटी दो धडों में बट गया और जनजातीय मुद्दा कोर्ट में लटक गया, केन्द्रीय हाटी सिमिति और हाटी कल्याण मंच में बटा हाटी के एक दूसरे पर राजनितिक पार्टियों के पिठु और कठपुतली बनने के आरोप प्रत्यारोप ने गिरिखंड के हजारों यूवाओं के सपनों को रोंध दिया
उच्च न्यायालय के स्टे से पूर्व बने 90 प्रमाण पत्र की मान्यता के फैसले से गिरिखंड के लोगों में एक उमीद की किरण जगी है, राजनितिक फेर में फसे हाटीयों ने फिर से एक बार एकजुट होने का मन बना लिया है, हाटी कल्याण मंच ने शिलाई पीडब्लूडी विश्राम गृह में अध्यक्ष जेलदार प्रताप सिंह की अध्यक्षता में हुई प्रेसवार्ता में हाटियों को एकजुट हो कर एसटी की लड़ाई लड़ने का सन्देश दिया
हाटी कल्याण मंच अध्यक्ष प्रताप सिंह जेलदार, रतन चौहान, हरिराम शास्त्री, रंजित नेगी, रमेश देसाई व् अन्य सदस्यों ने बताया कि शिमला में प्रतिनिधि मण्डल मंत्री हर्षवर्धन चौहान से मिला, जनजातीय मुद्दे को लेकर हर्षवर्धन चौहान पर खूब दबाव बनाया गया, हर्षवर्धन चौहान ने सरकार सरकार में सबसे बड़े बकिलों की टीम के साथ बैटक रखी, जिसमें उन्होंने बताया कि अतिरिक्त बकील देने से हाटी मुद्दा और सश्क्त हो जायेगा, लैकिन 21 नवम्बर को होने वाली सुनवाई के लिए हाटी मामले के पक्ष में मजबूत दलीलें है, जिससे अंतिम फैसला मिलने की पूरी उम्मीद है, उसके बाद प्रतिनिधि मंडल की एक बैठक पांवटा साहिब में बकील यशवर्धन चौहान के साथ हुई, जिन्होंने न्यायायिक लड़ाई लड़ने में हर संभव प्रयास करने का आश्वासन दिया।
उन्होंने बताया कि हाटी कल्याण मंच, केन्द्रीय हाटी सिमिति से लगातार समन्वय बनाए हुआ है, कल्याण मंच की तरफ से एक ही लड़ाई को अलग अलग न लड़ कर मिल कर प्रयास करने पर विचार किया गया है, केन्द्रीय सिमिति के शीर्ष नेतृत्व ने 21 नवम्बर की सुनवाई तक कोई भी अतिरिक्त बदलाव न करने का सुझाव मिला, एसटी मामले में 21 नवम्बर को होने वाली सुनवाई के फैसले के तर्ज पर कंधे से कंधा मिलकर प्रयासों को ओर तेज किया जायेगा, बच्चों को स्कूल, कॉलेज, नोकरियों व अन्य अनेको संस्थान में मिलने वाले लाभ से अभी तक बंचित है, यदि अगली सुनवाई में फैसला हाटी के पक्ष में नही आया तो केन्द्रीय हाटी सिमिति के साथ मिल कर हिमाचल के सबसे बड़ा बकील हटियों की तरफ से दिया जाएगा तथा क्षेत्र में आंदोलन तेज किए जाएंगे जिसके लिए जान ही क्यों न गवानी पड़े।