हिमाचल प्रदेश में जुलाई-अगस्त के महीने में हुई बारिश ने जमकर तबाही मचाई है। राजधानी शिमला में भी कई इलाकों में भारी तबाही हुई है। कनलोग इलाके में भारी भूस्खलन से कनलोग को बेमलोई से जोड़ने वाली सड़क पूरी तरह ढह गई। इस रास्ते को बहाल करने के लिए लंबे वक्त से काम चल रहा है, लेकिन अब तक गाड़ियों की आवाजाही शुरू नहीं हो सकी है।
इस बीच शिमला के मेयर सुरेंद्र चौहान ने स्थानीय पार्षद आलोक पठानिया के साथ मिलकर लोगों के साथ श्रमदान में हिस्सा लिया। रविवार के दिन छुट्टी के चलते सुबह 8 बजे से ही लोगों ने रास्ता बहाल करने के लिए मजदूरों का साथ दिया और सड़क से मलबे और मिट्टी को हटाया।
मेयर सुरेंद्र चौहान ने बताया कि लंबे वक्त से रास्ता बहाल करने का काम चल रहा है। यहां हजारों टन मलबा सड़क पर पड़ा था। जिसे देखकर लग रहा था कि इसे हटाना नामुमकिन है, लेकिन लगातार हो रहे काम के चलते मलबा हटाने में सफलता मिली है। स्थानीय लोगों ने भी मिलकर सड़क बहाल करने में भरपूर साथ दिया है। मेयर सुरेंद्र चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू खुद हालात का जायजा ले रहे हैं और स्थिति पर नज़र बनाए हुए हैं।
बता दें कि यह सड़क बेहद महत्वपूर्ण है। सर्कुलर रोड को बाईपास से जोड़ने में कनलोग-बेमलोई सड़क की अहम भूमिका है। लंबे समय से यह सड़क बंद पड़ी है। ऐसे में यहां गाड़ियों की आवाजाही नहीं हो पा रही है। इस सड़क पर आवाजाही शुरू होने के बाद सर्कुलर रोड और खलीनी पर लग रहा ट्रैफिक भी कम हो सकेगा।
बता दें कि यह वही जगह है जहां बीते दिनों मेयर सुरेंद्र चौहान ने सड़क पर बैठकर ही कई फाइल्स भी साइन की थी। मेयर सुरेंद्र चौहान ने श्रमदान के लिए स्थानीय लोगों का आभार व्यक्त किया। साथ ही उम्मीद जताई कि सोमवार दोपहर तक इस सड़क पर आवाजाही शुरू कर दी जाएगी।