पिछले 20 दिनों से नौनिहालों के साथ राजकीय उच्च पाठशाला कलखर में रह रहे गुम्हू गांव के प्रभावितों का अब सब्र का बांध टूटता हुआ नजर आ रहा है। इन लोगों का यही कहना है कि हम टेंट लगाकर रहने को भी तैयार है। बस सरकार हमें फिलहाल टेंट लगाने लायक जगह मुहैया करवा दे।
ज्ञात रहे कि सरकाघाट के प्रभावितों को नगर परिषद मनाली के अध्यक्ष चमन कपूर ने हाल ही में 100 टेंट मुहैया करवाए हैं। ये वे टेंट हैं जिन्हें सेना इस्तेमाल करती है और इसमें 8 से 10 लोग आराम से रह सकते हैं। लेकिन समस्या यह है कि इन लोगों के पास यह टेंट लगाने के लिए जमीन नहीं बची है।
बता दें की बीती 13 और 14 अगस्त को हुई प्रलयकारी बारिश से गुम्हू गांव के 14 परिवार बेघर हो गए हैं। इनके गांव में बारिश ने इस कदर कहर बरपाया कि 3 घर पशुशालाओं सहित मलबे में तब्दील हो गए हैं। वहीं गांव के अन्य मकानों में दरारें आ गई है, जिससे यह मकान रहने लायक नहीं बचे हैं। साथ ही गांव को जाने वाला रास्ता भी पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। इन लोगों का कहना है कि पाठशाला के कमरों में छोटे-छोटे बच्चों के साथ रहना अब मुश्किल हो गया है। यदि सरकार फिलहाल घर बनाने के लिए जगह मुहैया नहीं करवा सकती है तो इन्हें टेंट लगाने लायक ही जगह दे दी जाए ताकि यह लोग टेंट लगाकर रह सके।
प्रभावित मंजु देवी ने बताया कि कर्ज लेकर मार्च के महीने में तीन कमरे बनाए थे। जब घर गिरने लगा तो एक सुई भी वहां से निकाल नहीं सके। वहीं प्रभावित रीता देवी ने बताया कि एक महीना पहले ही घर बनाया था। बारिश के कारण हुए लैंडस्लाइड से अब पूरे घर में दरारें आ गई है। जिससे अब घर रहने लायक नहीं बचा है। चिंता देवी ने बताया कि उनका भी पूरा मकान गिर गया है। छोटे-छोटे बच्चों सहित अब राहत शिविर में रहने को मजबूर हैं, जिससे बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।