हिमाचल प्रदेश में सेब सीजन अपने चरम पर है तो सेब बागवानी को लेकर राजनीति भी भरपूर हो रही है। बीते दिनों हिमाचल प्रदेश में बागवान के सेब नाले में बहाने का मामला एक बार फिर सुर्खियों में आ गया है। मामले को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा बागवान पर एक लाख का जुर्माना लगाने के बाद इस पर सरकार चारों ओर से घिर रही है। भाजपा ने सरकार को बागवान विरोधी करार दिया। वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने मामले को राजनीति से प्रभावित और कार्रवाई को नियमों के तहत बताया है।
भाजपा नेता रवि मेहता ने कहा कि आपदा से निपटने में सरकार पूरी तरह से विफल रही है। सड़कें बंद होने की वजह से बागवान का सेब घर में ही सड़ रहा है और सरकार अपनी कारगुजारी को छुपाने के लिए बागवानों को डराने धमकाने का काम कर रहे हैं। इसी का उदाहरण प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा बागवान पर किए गए 1 लाख रुपए के जुर्माने के रुप देखने को मिला है। भाजपा बागवान के साथ खड़ी है और सरकार ने अगर इस निर्णय को वापस नहीं लिया तो भाजपा कार्यकर्ताओं से पैसा इकट्ठा कर बागवानी मंत्री और मुख्यमंत्री को एक लाख की राशि सौंपेगी, लेकिन बागवान से एक भी रुपया नहीं लिया जाएगा।
वहीं मामले को लेकर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के प्रधान मीडिया सलाहकार नरेश चौहान ने कहा कि सरकार की ओर से पहले भी कहा गया था कि यह पूरा मामला राजनीतिक मंशा के तहत किया गया था और भाजपा इसको लेकर राजनीति कर रही है। जो सेब बहाया गया वह पूरी तरह से सड़ चुका था प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की ओर से की गई कार्रवाई नियमों के तहत की गई है। बागवान को पहले नोटिस दिया गया जिसके बाद बागवान पर कार्रवाई की गई है।
नरेश चौहान ने कहा कि आगामी 9 और 10 सितंबर को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू दिल्ली जाएंगे। इस दौरान वे दिल्ली में आयोजित होने वाले जी- 20 कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे। दिल्ली में जी20 सम्मेलन का आयोजन होना पूरे देश के लिए गर्व की बात है।