जिला सोलन में जनवरी से अभी तक स्क्रब टायफस के 11मामले आए सामने, 3 की हुई  मौत

बरसात के मौसम में सबसे ज्यादा फैलने वाली बीमारी स्क्रब टाइफस से जिला सोलन में अभी तक तीन लोगों की मौत हो चुकी है और अगर बात करें तो जिला सोलन में जनवरी से लेकर अभी तक स्क्रब टाइफस से ग्रसित 11 लोग हॉस्पिट्लाइज है यह जानकारी जिला स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर अमित रंजन तलवार ने दी उनका कहना है कि सबसे पहले नौनी के देवठी ग्रेटी गांव से एक महिला की मौत का मामला सामने आया था उसके बाद अर्की के एक युवक की मौत स्क्रब टायफस से हुई थी और पिछले कल ही सोलन की आईटीआई के समीप रहने वाले एक और युवक की मौत का मामला सामने आ गया है अभी तक जिला सोलन में स्क्रब टायफस से 3लोगो की मौत हो चुकी है और यह तीनों लोग आईजीएमसी शिमला से ही अपना उपचार करवा रहे थे उनका कहना है की स्क्रब टाइफस की बीमारी एक विशेष कीड़े के डंक से होती है। थ्रोम्बोसाइटोपेनिक माइट्स नामक यह कीड़ा जब शरीर में प्रवेश करता है तो उससे शरीर में स्क्रब टाइफस के बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। जब स्क्रब टाइफस की बीमारी के लक्षण दिखायी दें तो साधारण पेनकिलर या पैरासिटामोल जैसी दवाइयां लेने की बजाय तुरंत अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें। स्क्रब टाइफस के लक्षणों की समय पर पहचान करने और इसका समय पर इलाज करने से इस बीमारी को गम्भीर होने से बचाया जा सकता है। स्क्रब टाइफस की बीमारी बढ़ जाने के कारण मल्टी ऑर्गन फेल्योर का खतरा भी बढ़ सकता है जो एक घातक बीमारी है।जिसको लेकर अब स्वास्थ्य विभाग भी अब अलर्ट पर है।