हिमाचल प्रदेश की सोलन पुलिस चिट्टे के कारोबारियों के खिलाफ जमकर स्ट्राइक (strike) कर रही है। 23 अगस्त को बसाल के शिवम को दबोचने के बाद पुलिस चैन से नहीं बैठी। बल्कि ये जानने में लगी रही कि आखिर किस तरीके से चिट्टा सोलन में पहुंचता है। लिहाजा, बैकवर्ड लिंक (backward link) में पुलिस देश की राजधानी (Capital) से गैर कानूनी तरीके से भारत (India) में रह रहे नाइजीरियन (nigerian) को दबोच लाई है।
शिवम के कब्जे से 5.42 ग्राम चिट्टा 23 अगस्त को बरामद हुआ। खाकी ने जांच में केवल एक ही केंद्र बिंदू रखा कि आखिर शिवम के पास चिट्टे की खेप कहां से पहुंचती है। शिवम ने हरियाणा (Haryana) के पंचकूला (Panchkula) के रहने वाले 36 वर्षीय सौरव पुत्र लक्ष्मी चंद का नाम उगला। 27 अगस्त को पुलिस सौरव को भी दबोच लाई। सौरव द्वारा शहर के चार युवकों को खेप पहुंचाई जाती थी, जो इसे आगे बेचते थे।
कड़ी पूछताछ में सौरव ने भी पुलिस के सामने घुटने टेकते हुए खुलासा किया कि वो ये खेप दिल्ली (Delhi) से एक नाइजीरियन तस्कर (nigerian smuggler)से लेकर आया था, जिससे वो पिछले कई सालों से चिट्टे की खरीद फरोख्त कर रहा है। जांच में इस बात का भी खुलासा हुआ कि सौरव पंचकूला में अस्थाई तौर पर रह रहा था, जबकि वो मूलतः दिल्ली के उत्तमनगर (Delhi’s Uttamnagar) का रहने वाला है।
ये साफ नहीं हुआ है कि क्या चिट्टे की तस्करी के लिए ही सौरव पंचकूला में आकर रह रहा था या नहीं। पूछताछ के दौरान सौरव ने ये भी राज खोला कि हरियाणा पुलिस ने भी उसे चिट्टे की तस्करी में गिरफ्तार किया था। इसी बीच पत्रकारों से बातचीत करते हुए सोलन के पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह ने बताया कि सोलन में चिट्टे की सप्लाई (supply)करने वाले मुख्य सप्लायर को पकड़ने के लिए एक स्पेशल टीम (special team) गठित की गई थी। पहले नाइजीरियन मूल के आरोपी के ठिकाने का पता लगाया गया। दबिश में 35 साल के ओनयेका सेमुअल को गिरफ्तार किया गया है। ये नाइजीरियन भी उत्तम नगर में ही रह रहा था
लिहाजा, इस बात की भी संभावना है कि सौरव को जानबूझ कर पंचकूला में अवैध कारोबार के लिए भेजा गया था। उधर, पुलिस अधीक्षक ने बताया कि नाइजीरियन मूल का मुख्य आरोपी कुछ सालों से चिट्टा बेचने का व्यापार कर रहा था। भारत में बिना पासपोर्ट व वीजा (passport and visa) के रह रहा था। उन्होंने बताया कि विदेश अधिनियम के तहत भी कार्रवाई की जा रही है। आरोपी द्वारा अपराध के दौरान इस्तेमाल किए गए टू व्हीलर (two wheeler) को भी कब्जे में ले लिया गया है।
उल्लेखनीय है कि मात्र डेढ़ महीने में सोलन पुलिस ने दूसरे राज्यों में बैठकर रिमोट से सोलन में चिट्टे का कारोबार चलाने वाले 17 सप्लायर्स (suppliers) को गिरफ्तार किया है। इसमें अफ्रीकी (African) मूल के तीन नाइजीरियन भी हैं। विशेष टीम में उप पुलिस निरीक्षक आशीष कौशल, हैड कांस्टेबल (head constable) कोमल चंद, दिनेश के अलावा आरक्षी विकास, बालकृष्ण, रूपेंद्र व दयानंद को शामिल किया गया था।
लुधियाना की अंडर ग्राउंड लोकेशन का लगाया गया पता….. उधर, एक अन्य मामले पुलिस ने चिट्टा तस्करी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश 31 जुलाई को किया था। गिरोह के कब्जे से 16.10 ग्राम चिट्टा बरामद किया गया है। आरोपियों में विपुल वर्मा पुत्र प्रदीप वर्मा निवासी कैथू, उम्र 25 साल, यशपाल ठाकुर पुत्र धनीराम ठाकुर निवासी कंडा, परमजीत सिंह पुत्र बसंत सिंह निवासी फूलावाल लुधियाना, उम्र 21 साल, अनमोल विश्वकर्मा पुत्र राम प्रवेश निवासी दुगड़ी लुधियाना (Ludhiana) शामिल थे।
तफ्तीश के दौरान पुलिस को ये भी पता चला है कि लुधियाना के आरोपियों ने शिमला के सनावरा में चिट्टे की डिलीवरी दी थी। आधा भुगतान हो चुका था। युवाओं ने चिट्टे को बेचने का सौदा भी किया। मुनाफे से बाकी भुगतान करना था। स्थानीय आरोपियों से पूछताछ में पता चला कि ये चिट्टा लुधियाना (Ludhiana) के युवकों से खरीदा है। आरोपियों ने मुख्य सप्लायर के लुधियाना में होने की बात कही थी। ताजा घटनाक्रम में पुलिस ने पंजाब (Punjab) से भी एक चिट्टा तस्कर को दबोचा है।
30 अगस्त को पुलिस ने स्पेशल टीम (special team) गठित की। लुधियाना में मुख्य सप्लायर की अंडर ग्राउंड (under ground) लोकेशन का पता लगाया गया। इसके बाद लुधियाना पुलिस के साथ ज्वाइंट ऑपरेशन (joint operation) में 23 साल के नवप्रीत उर्फ नवी को गिरफ्तार किया गया। पुलिस को पता चला है कि आरोपी चिट्टे का बड़ा सप्लायर है, जो 2016 से चिट्टा तस्करी कर रहा है। 2020 में उसे पंजाब पुलिस ने भी गिरफ्तार किया था।