दो भाइयों ने डेढ़ एकड़ जमीन पर खेती कर खरीद ली 42 एकड़ जमीन, अनार की खेती से हो रहा लाखों का मुनाफा

आज कल के युवा अच्छी खासी नौकरियों से किनारा कर खेती किसानी की तरफ रुख कर रहे हैं. पारंपरिक खेती से हट कर खेती में नए प्रयोग कर अच्छा खासा मुनाफा कमाने वाले मॉडर्न किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है. महाराष्ट्र के सतारा जिले के फलटन तालुका के दो सगे भाइयों का नाम भी ऐसे ही किसानों में शामिल है जो खेती से लाखों का मुनाफा कमा रहे हैं.

अनार की फसल से लाखों का मुनाफा

अमोल अहिरेकर और चंद्रकांत अहिरेकर नामक दो भाई अब अपने इलाके के लोगों के लिए मिसाल बन गए हैं. इन दोनों भाइयों ने 8 एकड़ में अनार की खेती कर तकरीबन 80 से 90 लाख रुपये का मुनाफा कमाया है. खुद बड़ा मुनाफा कमाने के साथ साथ इन दोनों भाइयों ने 25 से 30 महिलाओं को रोजगार भी दिया है. आजतक की रिपोर्ट के अनुसार अहिरेकर परिवार के पास कुल 42 एकड़ खेत है. जिसमें से 20 एकड़ में वे अनार की खेती करते हैं.

उनके द्वारा 20 एकड़ में लगाए गए अनार के पेड़ों में से 8 एकड़ में अनार की उपज हुई. कुल 2200 पौधों पर 300 ग्राम से लेकर 700 ग्राम तक अनार के फल लदे हुए थे. इस तरह उन्होंने 8 एकड़ में 80 टन से ज्यादा अनार का उत्पादन किया है. इस अनार को वे देश के अन्य राज्यों के साथ-साथ नेपाल और बांग्लादेश में भी निर्यात कर रहे हैं.

डेढ़ एकड़ से बनाई 42 एकड़ जमीन

अहिरेकर परिवार के पास हमेशा से इतनी ज्यादा जमीन नहीं थी, उन्होंने इसे अपनी मेहनत के दम पर खरीदा है. उनके पुरखों के पास मात्र डेढ़ एकड़ जमीन थी. 1996 मे इसी डेढ़ एकड़ पर पहली बार उन्होंने अनार की फसल लगाई. उनका ये प्रयोग शानदार रहा और उन्हें लाखों का मुनाफा हासिल हुआ. इन पैसों से उन्होंने 4 एकड़ जमीन खरीदी. उस 4 एकड़ में फिर अनार के पौधे लगाए. इससे भी उन्हें लाखों का मुनाफा हासिल हुए. अनार की कमाई से मुनाफा निकाल कर दोनों भाई जमीन खरीदते रहे. अब उनके पास खेती के लिए 42 एकड़ जमीन है. जिसमें से 20 एकड़ में वे अनार की उपज करते हैं. बाकी के 22 एकड़ में वे गन्ने की खेती कर रहे हैं.

शरद पवार भी हुए प्रभावित

आहिरेकर परिवार पिछले कई वर्षों से अनार की फसल अच्छे आने के बाद अनार के फल लेकर पूर्व कृषी मंत्री शरद पवार से मुलाकात करते थे. इस साल भी उन्होने शरद पवार से पुणे मे मुलाकात की और उन्हे अनार के फल भेंट दिए. शरद पवार 700 ग्राम का अनार देखकर प्रभावित हुए. शरद पवार ने दो घंटे तक दोनों भाइयों से बातचीत की. पूरे परिवार और खेती के बारे में बारे में जानकारी ली. इस दौरान उन्होंने आहिरेकर परिवार को ईरान में अनार निर्यात करने की सलाह दी.