विकलांगता को हौसले से किया ‘विकलांग’ ये शब्द सिरमौर जिला के शिलाई विधानसभा में धिराइना (नैनी धार) के जागर राणा पर खरा उतरते हैं। ये गांव करीब 16 साल पहले उस समय सुर्खियों में आया था, जब यहां का एक लाल “दलीप सिंह राणा” 2007 में WWE के इतिहास में भारतीय मूल के पहले विश्व हैवीवेट चैंपियन बने थे। खैर, यहां हम आपको, जागर राणा की कर्तव्यनिष्ठा के बारे में बताने जा रहे हैं।
यकीन मानिये, वो एक हाथ से ही बिजली के खंबे पर चढ़ते है, इसके बाद बिजली लाइन की बखूबी मरम्मत करते हैं। पहली बार देखने वाले तो दंग रह जाते हैं। समाज में कुछ एक ऐसे व्यक्तित्व मौजूद होते हैं, जो अलग पहचान स्थापित करते हैं। इसकी परिपाटी पर विद्युत बोर्ड के शिलाई उपमंडल के धारवा सेक्शन में लाइनमैन के पद पर कार्यरत जागर सिंह राणा खरा उतर रहे हैं। वह बचपन में ही अपंगता का शिकार हो गए थे। एक बाजू के बावजूद भी सामान्य व्यक्तियों के समान कार्य करते है। बिजली के खंभे पर चढ़कर दिन- रात सेवाएं देने को तैयार रहते हैं।
जागर सिंह राणा की नियुक्ति बिजली बोर्ड में 2 अगस्त 2008 को हुई। टीमेट के पद पर भर्ती राणा को 12 साल तक बिजली के बिल वितरित करने का जिम्मा सौंपा गया। इस दौरान भी कार्य प्रशंसनीय रहा। बिल वसूली व डायरी डिस्पैच का कार्य भी बखूबी निभाया। अक्तूबर 2015 में पहली पदोन्नति मिलने के बाद वो सहायक लाइनमैन बन गए। अक्तूबर 2020 में दूसरी पदोन्नति हासिल करने के बाद लाइनमैन का पद हासिल कर लिया। पिछले कुछ समय से बिजली के ट्रांसफार्मर पर चढ़कर राणा जब लाइनों की मरम्मत करते हैं, तो हर कोई आश्चर्यचकित भी होता है।
जागर सिंह राणा का कहना है कि शिलाई, टिम्बी, कफोटा के बाद धारवा में सेवाएं दे रहे हैं। नैनीधार में शिकायत कक्ष के प्रभारी के तौर पर भी जिम्मेदारी का वहन बखूबी करते हैं। समाज के लिए बिजली बोर्ड का ये लाइन मैन दोहरा सन्देश दे रहा है। पहला कर्तव्य निष्ठा से जुड़ा है। दूसरा अक्षम होने के बावजूद भी कभी कदम पीछे न हटाए बल्कि स्वस्थ व्यक्तियों ओर समाज के लिए एक उदाहरण पेश करते रहे। कुछ कर गुजरने की हिम्मत और जज्बा है तो ये अक्षमता बाधक नहीं बन सकती।