फिल्म हो या हकीकत हमने सिर पर चोट लगने के बहुत से नुकसान के बारे में देखा-सुना है. फिल्मों में दिखाया जाता है कि सिर पर चोट लगने से हीरो की याद्दाश्त चली गई, वहीं हकीकत में सिर की चोट लोगों को कोमा में पहुंचा देती है. लेकिन क्या आपने सुना है कि किसी के सिर पर चोट लगी और वो मैथ्स का एक्सपर्ट बन गया? अगर नहीं सुना तो हम आज आपको ऐसी एक सच्ची घटना बताएंगे जिससे आपको यकीन हो जाएगा कि सिर की चोट किसी को मैथ्स का जीनियस भी बना सकती है.
जेसन पैडगेट एक स्कूल ड्रॉपआउट
ये कहानी है जेसन पैडगेट की. उसे कभी से भी स्कूल जाना पसंद नहीं था. शौक था तो सिर्फ पार्टियों और बार में जाने का. मौज-मस्ती की धुन में वो आए दिन परेशानियों को चुंबक की तरह खुद की ओर खींच लेता था. उसकी इन्हीं आदतों की वजह से उसे स्कूल से निकाल दिया गया लेकिन उसे इससे कुछ खास फर्क नहीं पड़ा. ऐसे छात्र से कोई मैथ्स का एक सवाल हाल करने की उम्मीद भी नहीं कर सकता था लेकिन उसके जीवन में एक ऐसा मोड़ आया जब एक हादसे ने उसकी सारी कहानी पलट कर रख दी.
मारपीट में लगी सिर पर चोट
आज से करीब 21 साल पहले 13 सितंबर 2002 को वह चमड़े की जैकेट पहने एक बार से निकल रहा था. इसी दौरान दो लोगों ने उस पर हमला कर दिया. उस समय जेसन की उम्र 31 साल थी और वो अपने पिता के फर्नीचर स्टोर में काम करता था. हमलावर उससे उसकी जैकेट लेना चाहते थे जिस वजह से उन्होंने जेसन को बुरी तरह मारा और उसके दोस्तों के सामने उसे बेहोश छोड़ कर चले गए. इस मारपीट में जेसन के दिमाग में गंभीर चोटें आईं. ऐसी चोटें जिससे उसकी जान जा सकती थी या उसकी याद्दाश्त पर कोई असर पड़ सकता था, वो कोमा में जा सकता था लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ. हुआ तो बस ये कि उसकी ज़िंदगी पूरी तरह से बदल गई.
एक चोट ने बदल दी दुनिया
इलाज के बाद पूरी दुनिया के लिए उसका नजरिया पहले से एकदम अलग हो गया. उसके आस-पास अब कुछ भी पहले जैसा नहीं रह गया था. जिण पर उसने पहले कभी ध्यान नहीं दिया था वो हर चीज़ अब हजारों-हजारों तत्वों में विखंडित हो गई थी. बहता पानी, कार के हुड से परावर्तित प्रकाश, सबसे सामान्य वस्तुओं की आकृतियां जटिल रचनाएं बन गईं. सम संख्याएं उसके मस्तिष्क में ग्राफिक पैटर्न बन गईं. जिं ईंटों से उसके आसपास की चीजें बनी थीं वे उसे अब गेओमेट्री लगने लागी थीं.
ये सेवेंट सिंड्रोम का असर था
उसने अपनी कॉफी में एक चम्मच से क्रीम मिलाया, तो जेसन को कॉफी या क्रीम नहीं, बल्कि एकदम सही सर्पिल, फ्रैक्टल दिखाई दिया. जेसन ने एनवाई टाइम्स को बताया था कि, “अचानक, यह सिर्फ मेरा सुबह का कॉफी कप नहीं रह गया था, यह गेओमेट्री मुझसे बात कर रही थी.”
उसे गणित और फिजिक्स से प्यार हो चुका था. मेडिकल जांच के दौरान पता चला कि उसे सेवेंट सिंड्रोम हो गया है. सिर पर चोट लगने के बाद सेवेंट सिंड्रोम विकसित होने के विश्व स्तर पर प्रलेखित 50 से भी कम मामलों में जेसन एक है. आपको बता दें कि इस सिंड्रोम की बदौलत कभी बेहद आम रहा कोई शख्स ब्रेन इंजरी के बाद गणित, कला या संगीत का विद्वान बन जाता है.
दुनिया को अलग नजरिए से देखने लगे
उनकी दुनिया पर अविश्वसनीय गणितीय मॉडलों का कब्जा हो गया है, जिन्हें वह बनाते भी हैं, जिससे उन्हें देखने वाला हर कोई आश्चर्यचकित रह जाता है. जेसन दुनिया के उन कुछ लोगों में से एक है जो फ्रैक्टल का अनुमान लगा सकते हैं – दोहराए जाने वाले ज्यामितीय पैटर्न, हम जो कुछ भी छूते हैं उसके ज्यामितीय “परमाणु” का प्रतिनिधित्व करते हैं. उनका फेसबुक पेज उन लोगों के लिए आकर्षक है जो उस नई दुनिया के बारे में और अधिक जानना चाहते हैं जिसमें जेसन पैडगेट रहता है.
इन नए बदलावों के बाद जेसन ने काम पर जाना छोड़ दिया और वह अपना सारा वक्त गणित और फिजिक्स पढ़ने में बिताने लगा. हादसे से पहले चित्रकारी के प्रति उनकी कोई दिलचस्पी नहीं थी, लेकिन अब वह ज्यामितिय पैटर्न बनाने लगे. वह इसमें इतना डूब गए कि कभी-कभी तो उन्हें अपना काम खत्म करने में हफ्तों लग जाते थे.
इसका एक बुरा पहलू भी था
ये उनके लिए एक तरह से बिना कमाया हुआ टैलेंट था लेकिन इसका एक बुरा पहलू भी था. वो जेसन जिसे घूमना-फिरना और दोस्तों के साथ मौज-मस्ती करना अच्छा लगता था वह अब अंर्तमुखी हो गया था. अब वह हर वक्त घर पर ही रहते.
उन्होंने अपने घर की खिड़कियों को कंबल से ढक दिया और हर किसी से पूरी तरह से मिलना-जुलना बंद कर दिया. कीटाणुओं को लेकर जैसन कुछ ज्यादा ही सजग हो गए और वे तब तक हाथ धोते रहते जब तक कि उनके हाथ लाल नहीं हो जाते. इतना ही नहीं अगर उनकी बेटी हाथ नहीं धोती थी तो वह उसे भी गले नहीं लगाते थे.
जेसन को लगने लगा था कि वह सनकी हो गए हैं, लेकिन एक दिन उन्होंने बीबीसी पर डेनियल टैम्मेट के ऊपर बनी एक डॉक्यूमेंट्री देखी. उस दिन को याद करते हुए जेसन ने बताया था कि, ‘डॉक्यूमेंट्री देखकर मुझे पता लगा कि मेरे साथ क्या हो रहा है’.
डॉक्यूमेंट्री देखने के बाद उन्होंने फैसला किया कि वह सेवेंटिज्म विशेषज्ञ डॉक्टर डैरोल्ट ट्रेफर्ट से मिलेंगे, जिन्होंने बाद में जेसन को बताया कि उन्हें सेवेंट सिंड्रोम हैं. फिलहाल इस दुनिया में 40 ऐसे लोग हैं जिन्हें सेवेंट सिंड्रोम से प्रभावित पाया गया है.
ये सभी लोग ब्रेन इंजरी के बाद पहले से कहीं ज्यादा स्मार्ट और तेज बन गए. फिनलैंड के डॉक्टर ब्रोगार्ड ने एमआरआई मशीन से जेसन की जांच कर बताया कि उनके दिमाग का बांया हिस्सा चोट लगने के बाद ज्यादा सक्रिय हो गया है. यह वही हिस्सा है जो गणित से प्यार करता है.
सिर में चोट लगने के बाद क्या?
फ्रेनोलॉजी, किसी समय, विज्ञान की एक शाखा थी जो मस्तिष्क की ठोस भौतिक उपस्थिति और उसकी क्षमताओं के बीच संबंध का विश्लेषण करती थी. इस तरह के दृष्टिकोण के जोखिम स्पष्ट हैं. जेसन पैडगेट जैसी कहानी के बारे में जान कर कुछ लोग मस्तिष्क की प्रकृति की परवाह किए बिना इस निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं कि खोपड़ी के आकार में परिवर्तन, मस्तिष्क की गतिविधि में सुधार ला सकता है. ये कुछ लोगों को ‘घर पर इसे आज़माने’ के लिए प्रोत्साहित कर सकता है.
ये बात समझनी चाहिए कि सिर में चोट लगने के बाद सावंत सिंड्रोम प्राप्त होने की संभावना व्यावहारिक और सैद्धांतिक रूप से रूप से लगभग शून्य है. हर साल लाखों लोगों में सिर की चोट का निदान किया जाता है, मेडिकल रिकॉर्ड के पूरे इतिहास में आघात के बाद सिंड्रोम प्राप्त करने के केवल 40 से अधिक मामले ही ज्ञात हैं.
स्पष्ट रूप से, ये मामले फिलहाल पूरी तरह से अस्पष्ट अपवाद हैं, और एक नियंत्रित प्रयोग के माध्यम से इसका परीक्षण करना असंभव है. अत्यधिक, सिर की चोटें स्थायी मानसिक विकारों और न्यूरोलॉजिकल जोखिम को जन्म देती हैं, जिनमें से भूलने की बीमारी या दौरे सबसे आम हैं. इसलिए, मजाक में भी यह सोचना पूरी तरह से गलत है कि सिर की चोट किसी को किसी क्षेत्र में विशेष बना सकती है.