Chandrayaan 3: Pragyan Rover को चंद्रमा पर Sulphur समेत 8 Elements मिले, Hydrogen की खोज जारी

चंद्रयान 3 के सफ़लतापूर्वक चंद्रमा पर लैंड करने के बाद, प्रज्ञान रोवर (Pragyan Rover) रोज़ नए खोज कर रहा है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने बीते मंगलवार को जानकारी दी कि प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा के लूनर रीजन में पहला इन-सिटू मेज़रमेंट (Pragyan Rover First In-situ Measurement) किया. ये लेज़र-इन्ड्यूस्ड ब्रेकडाउन स्पेक्ट्रोस्कोप (Laser Induced Breakdown Spectroscope) की मदद से किया गया. प्रज्ञान रोवर ने चंद्रमा की सतह पर सल्फ़र की खोज की.

प्रज्ञान रोवर को चंद्रमा की सतह पर कौन से एलिमेंट्स मिले?

pragyan rover PTI

The Times of India की रिपोर्ट के अनुसार प्रज्ञान रोवर को चंद्रमा की सतह पर कई एलिमेंट्स मिले. लूनर सर्फ़ेस पर सल्फ़र (Sulphur), एलुमिनियम (Aluminum), कैल्शियम (Calcium), आयरन (Iron), क्रोमियम (Chromium) और टाइटेनियम (Titanium) पाया गया.

ISRO ने कहा कि सतह पर मैंगनीज़ (Manganese), सिलिकॉन (Silicon), ऑक्सिजन (Oxygen) भी पाया गया है. गौरतलब है कि हाइड्रोजन (Hydrogen) की खोज जारी है.

कैसे हुई एलिमेंट्स की खोज?

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Laser Induced Breakdown Spectroscope (LIBS) तकनीक की मदद से चंद्रमा की सतह पर एलिमेंट्स खोजे गए. ISRO ने बताया, ‘LIBS एक साइंटीफ़ीक टेक्नीक है जो इन्टेंस लेज़र पल्सेज़ की मदद से किसी भी मटैरियल के कंपोज़िशन को एनालाइज़ करते हैं.’

हाई एनर्जी लेज़र पल्स को किसी मटैरियल जैसे कि सॉयस या रॉक के सर्फ़ेस पर फ़ोकस किया जाता है. लेज़र पल्स से काफ़ी गर्म और लोकलाइज़्ड प्लाज़्मा जेनेरेट होता है. इस प्लाज़्मा लाइट को स्पेक्ट्रली रिज़ॉल्व किया जाता है और डिटेक्टर (जैसे चार्ज कपल्ड डिवाइसेज़) से डिटेक्ट किया जाता है. ISRO ने बताया, ‘प्लाज़्मा स्टेट में एलिमेंट्स का अपना वेबलेंथ ऑफ लाइट होता है जिससे उस मटैरियल के अंदर कौन से एलिमेंट्स मौजूद हैं पता लगा लिया जाता है.’

LIBS से जुड़े कुछ तथ्य

LIBS को लेबोरेटरी फॉर इलेक्ट्रो-ऑपटिक्स सिस्टम (Laboratory of Electro Optics System) यानि LEOS, बेंगलुरु ने डिज़ाइन किया है. ISRO के LEO, GEO और इंटरप्लेनेटरी मिशन्स के लिए ये सेंसर बनाते हैं. रिमोट सेंसिंग और मेटेरोलॉजिकल पेलोड के लिए भी ऑपटिकल सिस्टम बनाते हैं.

चंद्रमा की सतह पर सल्फ़र समेत अन्य एलिमेंट्स मिलने का क्या मतलब है?

 

सल्फ़र, एलुमिनियम, आयरन, क्रोमियम, टाइटैनियम आदि एलिमेंट्स का लूनर सर्फ़ेस पर मिलना काफ़ी महत्वपूर्ण है. इससे ये साबित होता है कि चंद्रमा की सतह पर एलिमेंट्स का भंडार है. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो इसका सीधा अर्थ यही है कि जितना हम समझते थे, चंद्रमा पर जीवन बसाना उससे आसान है. इन एलिमेंट्स का इस्तेमाल भी भविष्य में किया जा सकता है.

चंद्रमा की सतह पर ऑक्सिजन मिलने से ये भी साबित होता है कि चंद्रमा की ज़मीन एक वक़्त पर इतनी सूखी नहीं थी. यहां पर जीवन था और भविष्य में भी खेती-बाड़ी की संभावना है! एलिमेंट्स के मिलने का ये भी अर्थ है कि भविष्य में चंद्रमा की ज़मीन उपजाऊ हो सकती है, अगर ISRO ने यहां अत्यधिक मात्रा में वॉटर आइस ढूंढ लिया.