इस बार ठंड ही नहीं जा रही तो ठंडा किसे बेचें। इस दुविधा में वो लोग पड़े हैं, जिन्हें गर्मी के मौसम में ठंडे के कारोबार से अच्छी आमदनी की उम्मीद थी। लेकिन मौसम की मार के कारण इस बार ठंडे का कारोबार ही ठंडा पड़ गया है। मौसम ने कुछ ऐसी करवट ली है कि सर्दी जाने का नाम ही नहीं ले रही। मुश्किल से दो या तीन दिन धूप खिलती है और उसके बाद फिर से बारिश का दौर शुरू हो जाता है।
यही कारण है कि गर्मी के सीजन को ध्यान में रखते हुए जूस, कुल्फी, आइसक्रीम और कोल्ड ड्रिंक्स का कारोबार करने वाले इस बार मंदी की मार झेल रहे हैं। रेहड़ी-फहड़ी लगाकर आजीविका कमाने वाले गुरदेव, हेमराज, गुरदेव और राजेश कुमार ने बताया कि इस सीजन में वे दिहाड़ी भी मुश्किल से बना पा रहे हैं। यह भी तभी संभव हो रहा है जब मौसम साफ रहता है। जिस दिन बारिश हो जाए, उस दिन तो दुकानदारी बंद ही रखनी पड़ रही है।
अब अपने मोबाइल पर सबसे पहले पाएं हिमाचल की ताजा खबरें, यहां क्लिक कर ज्वाइन करें हमारा WhatsApp Group
अप्रैल, मई और जून के महीनों में लोग तपती गर्मी से निजात पाने के लिए गन्ने और फलों के जूस, कुल्फी, आईसक्रीम और कोल्डड्रिंक्स का सहारा लेते थे। इन उत्पादों को बेचने वालों का कारोबार इससे ठीक-ठाक चल पड़ता था। लेकिन इस बार ऐसा नहीं हो रहा है।
विक्रेता मोहम्मद जाकिर ने बताया कि इस बार पिछली साल के मुकाबले 30 से 50 प्रतिशत कम कारोबार हुआ है।आम लोग भी मौसम के बदले मिजाज से हैरान नजर आ रहे हैं। मंडी निवासी संजय वर्मा ने बताया कि उन्होंने अभी तक अपने सर्दियों के कपड़े पैक नहीं किए हैं। दिन के समय बेशक धूप खिल जाती है, लेकिन शाम के समय फिर से ठंड बढ़ जाती है। जब बारिश हो जाए तो फिर गर्म कपड़ों के बीना रह पाना संभव ही नहीं होता। ऐसे में कोल्डड्रिंक्स आदि पीने का तो सवाल ही नहीं बनता।
वहीं, दूसरी तरफ मौसम विभाग की मानें तो इस बार लोगों को तपती गर्मी का सामना नहीं करना पड़ेगा। बारिश और ठंड का यह सिलसिला इसी तरह से जारी रहेगा। इस बार पिछले कई वर्षों का रिकार्ड टूटा है। मई व जून के महीने में भी प्रदेश के उंचाई वाले इलाकों में हिमपात हुआ है।