शिमला : विवि में SFI हुई उग्र, भर्तियों पर उठाए सवाल

एसएफआई विश्वविद्यालय इकाई ने सोमवार को विश्वविद्यालय में आउटसोर्स के जरिए की जा रही भर्तियों को रोकने, नॉन टीचिंग स्टाफ की भर्तियों को करवाने व विश्वविद्यालय में प्रोफेसर भर्ती में हुई अनियमितता की जांच करने को लेकर रजिस्ट्रार महोदय को मांग पत्र सौंपा।

इकाई अध्यक्ष हरीश ने नॉन टीचिंग स्टाफ की रिक्रूटमेंट पर बात रखते हुए कहा कि एसएफआई ने पहले भी यह मांग उठाई थी कि इन भर्तियों को जल्द करवाया जाए क्योंकि हर बार रिजल्ट्स लेट आने का कारण नॉन टीचिंग स्टाफ की कमी है। विश्वविद्यालय प्रशासन ने इसके लिए भर्ती की नोटिफिकेशन जून 2020, सितंबर 2021 और जनवरी 2022 में तो निकाली थी, लेकिन अभी तक यह परीक्षा कराने में विश्वविद्यालय प्रशासन नाकाम रहा है। जब छात्रों से फीस लेने की बारी आती है तो विश्वविद्यालय प्रशासन कही पीछे नहीं रहता लेकिन वहीं जब एग्जाम कंडक्ट करवाने की  बारी आती है तो नहीं करवा पा रहा है।

इकाई सह-सचिव सन्नी सेक्टा ने कहा कि एक तरफ तो विश्वविद्यालय प्रशासन स्थाई रोजगार देने में असमर्थ हैं और दूसरी तरफ हर महीने- दो महीनों के अन्दर आउटसोर्स के जरिए नये – नये लोगों को भरने का काम किया जा रहा है। इस सब का खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। सन्नी सेक्टा ने कहा कि एस एफ आई ने पहले भी प्रशासन से मांग की है कि विश्वविद्यालय के अन्दर जो भी रोजगार होगा वो स्थाई होना चाहिए। इसलिए प्रशासन आउटसोर्स की भर्तियों को बन्द कर नॉन टीचिंग स्टाफ की भर्तियों को जल्द से जल्द करवाने का कार्य करें।

एसएफआई ने विश्वविद्यालय प्रशासन को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर आने वाले कल की एग्जीक्यूटिव काउंसिल में नॉन टीचिंग स्टाफ की भर्तियों मे कोई सकारात्मक कदम नहीं लिया गया तो एसएफआई आने वाले समय में छात्रों को लामबंद करते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ उग्र आंदोलन करेगी।