सवाल अगर हो कि सबसे ज्यादा पसंद किया जाने वाला स्ट्रीट फूड कौन सा है तो अधिकतर लोगों का जवाब होगा Momos. इसे लेकर लोगों की दीवानगी देखते बनती है. दुनिया भर में पसंद किये जाने वाले Pizza-Burger को भी ये मोमोज कड़ी टक्कर दे रहे हैं. तभी तो नामी फास्ट फूड्स की तरह मोमोज की मार्केट भी देशभर में लगातार बढ़ रही है. Wow Momo भी एक ऐसी ही कंपनी है जो देशभर में मोमोज का चलन बढ़ा रही है. इस कंपनी के मोमोज तो स्वाद हैं ही इसके साथ ही इसके को-फाउंडर सागर दरयानी की कहानी भी उतनी ही दिलचस्प है.
नहीं मानी माता-पिता की बात, शुरू किया Wow Momo
हर माता पिता की तरह सागर दरयानी के माता-पिता भी चाहते थे कि उनका बेटा पढ़-लिखकर अच्छी नौकरी करे, लेकिन सागर कुछ औरर सोच रहे थे. जब वह कोलकाता के सेंट जेवियर्स कॉलेज में ग्रेजुएशन कर रहे थे उसी दौरान उन्हें मोमोज बेचने का आईडिया आया. ये वो समय था जब Momos ज्यादातर सिर्फ चीनी फास्ट फूड के तौर पर ही जाने जाते थे. उन्होंने अपनी सोच को जब अपने परिवार के सामने रखा तो हर कोई हैरान रह गया. उन्हें लगा कि जिस मोमोज को यहां लोग उतना जानते नहीं उसका बिजनेस भला कैसे चल सकता है. लेकिन सागर ने हार नहीं मानी और 2008 में पिज्जा-बर्गर की बादशाहत के उस दौर में Wow Momo की शुरुआत कर दी.
पिता ने जिस बिजनेस को मारा ताना आज वो है 2000 करोड़ का
सागर ने जब अपना मोमोज का स्टार्टअप शुरू करने का कम बनाया तो उनके पिता ने कथित तौर पर ताना देते हुए कहा था कि, ‘मेरा बेटा मोमो बेचेगा’, लेकिन आज वही मोमोज की दुकान 2000 करोड़ रुपये के बड़े बिजनेस में बदल चुकी है. मोमोज की इस छोटी सी दुकान की शुरुआत सागर ने कोलकाता में अपने एक दोस्त विनोद कुमार के साथ मिलकर B.Com की पढ़ाई करने के दौरान की थी. इसके बाद लोगों की जुबां पर जब Wow Momo का स्वाद चढ़ा तो दुकान पर भीड़ उमड़ने लगी और देखते ही देखते छोटी सी दुकान एक आउटलेट में तब्दील हो गई.
अनोखे आइडिया से बढ़ाया बिजनेस
शुरुआत में सागर को अपने बिजनेस को बढ़ाने में काफी संघर्ष करना पड़ा. छोटी दुकान तक तो थी था लेकिन जब उन्होंने इसे बड़ा बनाने का सोचा तो दो सालों तक उन्हें फंड और वर्कफोर्स को लेकर काफी परेशानियां झेलनी पड़ीं. इन विपरीत परिस्थितियों में भी सागर दरयानी ने हार ना मानते हुए अपने ब्रांड के प्रमोशन के लिए एक नई तरकीब निकाली.
उन्होंने Wow Momo के स्लोगन वाली टी-शर्ट्स प्रिंट करा कर अपने कर्मचारियों को दीं और उनके साथ खुद भी कंपनी के स्लोगन वाली टी-शर्ट पहनकर आउटलेट्स पर रहने लगे. वह इसे पहन बाहर भी निकलने लगे. इससे ये हुआ कि लोग इस नाम को पहचानने लगे. इसके साथ ही उन्होंने स्टीम मोमोज के साथ ही इसमें क्रिएटिविटी दिखाते हुए तंदूरी मोमोज, कॉकलेज मोमोज, फ्राई मोमोज जैसी अन्य वैराइटी भी बेचनी शुरू कर दी. सागर की ये तरकीब काम आई और उनका बिजनेस बढ़ने लगा.
एक छोटी सी दुकान से शुरू हुआ Wow Momo का बीजने आज देश भर में फैल चुका है. यह ब्रांड अब भारतीय कंपनी मार्केट में दबदबा बनाए हुए मैकडॉनल्ड्स, केएफसी, डोमिनोज, पिज्जा हट जैसी फास्ट फूड चेन को टक्कर दे रहा है. देशभर के 26 राज्यों में इसके 600 से ज्यादा आउटलेट्स हैं और इनके जरिए हर दिन करीब 6 लाख से ज्यादा मोमोज की सेल की जा रही है. Wow Momo कंपनी की वैल्यूएशन की बात करें तो ये अनुमानिक करीब 2000 करोड़ रुपये के पार पहुंच चुकी है. इन आउटलेट्स के जरिए सागर आज लोगों को रोजगार भी दे रहे हैं.