पंडोह के साथ लगते कुकलाह गांव में बीती 23 अगस्त की सुबह भारी बारिश के कारण 12 घर और स्कूल का दोमंजिला भवन जमींदोज हो गए हैं। इस गांव की सैंकड़ों की आबादी बारिश के कारण प्रभावित हुई है। दर्जनों ऐसे घर हैं जिनमें दरारें आ गई हैं। साथ ही वहां पर रहना सुरक्षित नहीं है। इसलिए अब यहां के लोग अपने रिश्तेदारों और यार-दोस्तों के घरों पर पनाह लेने को मजबूर हो गए हैं।
वहीं, अधिकतर लोगों के पशु तो भारी बारिश में बह गए, लेकिन जो बचे हैं उन्हें खुले आसमान के नीचे तंबुओं में रखा गया है। कुकलाह गांव दो पंचायतों का संयुक्त गांव है। यहां बहने वाली कुकलाह खड्ड के एक तरफ ग्राम पंचायत कुकलाह है, जबकि दूसरी तरफ ग्राम पंचायत सरोआ है। कुकलाह गांव के प्रभावित हिम्मत राम, चंद्रशेखर, चित्र देव, जानकी देवी, कला देवी, रामदास, लीला देवी और किरणा देवी ने बताया कि गांव में जो त्रासदी हुई है उसके बाद वे घर से बेघर हो गए हैं।
कुछ लोगों के घर जो सुरक्षित बचे हैं उन्हें यदि जल्द से जल्द बचाने की दिशा में कार्य नहीं किया गया तो वो भी जमींदोज हो जाएंगे। इन्होंने सरकार से गुहार लगाई है कि भले ही इन्हें कोई मुआवजा न दिया जाए, लेकिन इन्हें किसी सुरक्षित स्थान पर बसाया जाए। ताकि ये बिना किसी भय के अपना जीवन यापन कर सकें।
ग्राम पंचायत कुकलाह के प्रधान नोक सिंह ने बताया कि कुकलाह गांव में इस आपदा के कारण 12 घर समेत एक स्कूल जमींदोज हुआ है, जबकि बहुत से घरों पर दरारें आई हैं। उन्होंने कहा कि सरकार व प्रशासन से प्रभावितों को उचित मुआवजा और मदद दिलाने की गुजारिश की गई है। सरकार जल्द से जल्द प्रभावितों की मदद करे।