जिला सोलन की अगर बात करें तो पिछले एक सप्ताह में जिला में स्क्रब टाइफस से दो मौत के मामले सामने आ गए हैं जिसके चलते स्वास्थ्य विभाग भी अब अलर्ट मोड पर आ गया है।बीते कुछ दिनों पहले नौणी के देवठी ग्रेटी गांव से एक महिला की स्क्रब टायफस से मृत्यु हो गई थी तो वही अब अर्की में भी एक और महिला की स्क्रब टायफस से मौत का मामला सामने आया है यह दोनों ही महिलाएं आईजीएमसी शिमला में भरती थी स्क्रब टाइफस से हुई मौत के बाद अब स्वास्थ्य विभाग भी अब अलर्ट मोड पर आ गया है जिला स्वास्थ्य चिकित्सा अधिकारी डॉ अमित रंजन तलवार का कहना है कि उनका कहना है की
बारिश के मौसम में अधिकतर फैलने वाली बीमारी स्क्रब टायफस है
स्क्रब टाइफस की बीमारी एक विशेष कीड़े के डंक से होती है। थ्रोम्बोसाइटोपेनिक माइट्स नामक यह कीड़ा जब शरीर में प्रवेश करता है तो उससे शरीर में स्क्रब टाइफस के बैक्टीरिया पनपने लगते हैं। जब स्क्रब टाइफस की बीमारी के लक्षण दिखायी दें तो साधारण पेनकिलर या पैरासिटामोल जैसी दवाइयां लेने की बजाय तुरंत अपने डॉक्टर से सम्पर्क करें। स्क्रब टाइफस के लक्षणों की समय पर पहचान करने और इसका समय पर इलाज करने से इस बीमारी को गम्भीर होने से बचाया जा सकता है। स्क्रब टाइफस की बीमारी बढ़ जाने के कारण मल्टी ऑर्गन फेल्योर का खतरा भी बढ़ सकता है जो एक घातक बीमारी है।जिसको लेकर अब स्वास्थ्य विभाग भी अब अलर्ट पर है